संघर्ष के बाद केहिन इंडिया में कार्यबहाली के साथ 9,500 का समझौता

कंपनी गेट पर 16 दिन चला महिला श्रमिकों का धरना

बावल (राजस्थान) स्थित केहिन इंडिया प्लांट में महिला श्रमिकों के आंदोलन से जीत मिल गई है। 2 मार्च को श्रम विभाग के अधिकारियों की मध्यस्थता में प्रबंधन और श्रमिकों की वर्कस कमेटी के बीच लिखित समझौता हुआ। इसके तहत समस्त श्रमिकों की कार्यबहाली के साथ 3 साल के लिए 9,500 रुपए की वेतन वृद्धि पर सहमति बनी।

ज्ञात हो कि केहिन फिन फैक्ट्री में केवल महिला श्रमिक काम करती हैं। यहाँ यूनियन नहीं है, लेकिन संघर्ष के लिए उन्होंने कमेटी बना राखी है। प्लांट में नए वेतन समझौते के लिए उनका संघर्ष जारी था। इस बीच 13 फरवरी को प्रबन्धन ने श्रमिकों की समिति के 6 प्रतिनिधियों सहित 9 मज़दूर साथियों को निलंबित कर दिया था।

प्रबंधन के दमन के खिलाफ़ महिला श्रमिक आक्रोशित थीं और आंदोलन की रह पकड़ीं। कंपनी में गैरकानूनी गेटबंदी के खिलाफ़ 15 फरवरी से कंपनी गेट पर महिला श्रमिकों का धरना जारी रहा। महिला मज़दूर पूरे जज्बे के साथ संघर्ष के मैदान में डटी रहीं। अंततः समझौता सम्पन्न हुआ।

समझौते की शर्तें-

  1. बाहर धरना दे रहे 120 श्रमिक अंडरटेकिंग भरकर ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे।
  2. सभी सस्पेंड (10 श्रमिकों) को 10 मार्च से काम पर वापस ले लिए जाएंगे।
  3. माँग पत्र के अनुसार 60+20+20 के फार्मूले पर 3 साल के लिए 9,500 रुपए की मासिक वेतन वृद्धि पर सहमति।

महिला श्रमिकों के संघर्ष का जज्बा

केहिन फिन की इस प्लांट में शुरू में बस महिलाएं काम करती थीं। 2014 में आन्दोलन करके अपने वेतन पर समझौता एवं समिति का गठन किया था। तबसे यह समिति मजदूरों के अधिकारों को लेकर लगातार काम किया है।

प्लांट में 165 महिला कर्मचारी कार्यरत हैं। सभी स्थाई है। 2005 में जिन महिला कर्मचारियों को नियुक्ति हुई थी उनको 6 महीने बाद नियुक्ति पत्र दे दिया गया था। जिन कर्मचारियों की नियुक्ति 2007 में हुई थी उन्हें 2010 में नियुक्ति पत्र दिया गया।

2005 में जिन कर्मचारियों की नियुक्ति हुई थी उनका वेतन ₹28000 के आस है और जिन कर्मचारियों के नियुक्ति 2007 में हुई थी उनका वेतन ₹25000 है।

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