लोकप्रिय किसान नेता कॉमरेड दातार सिंह का निधन किसान आंदोलन के लिए क्षतिपूर्ण

आपका संकल्प जीवित है और किसान आंदोलन के लिए प्रेरणादायी भी

किसान आंदोलन और उसके समर्थकों के लिए एक और दुखभरी ख़बर सामने आई है। लोकप्रिय किसान नेता, किरती किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष व संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य कॉमरेड दातार सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। ‘अलविदा! मेरा समय खत्म होता है’ उनका अंतिम संबोधन साबित हुआ।

अमृतसर के श्री गुरु नानक स्टेडियम के नजदीक स्थित विरसा विहार में स्वतंत्रता सेनानी उजागर सिंह की याद में रखे गए कार्यक्रम में किकॉमरेड दातार सिंह मुख्य वक्ता थे। उनका यह भाषण उनके जीवन का अंतिम भाषण होगा, इसका आभास किसी को नहीं था।

किसान नेता के साथ ट्रेड यूनियन नेता भी रहे कॉमरेड दातार सिंह को इसी कार्यक्रम में मंच पर बुलाकर सम्मानित भी करना था लेकिन इससे पहले यह घटना घटित हो गई।

कॉमरेड दातार सिंह के निधन से शोक की लहर

कॉमरेड दातार सिंह सभा में किसान आंदोलन को लेकर मंच से अपने विचार रख रहे थे। अपनी बात पूरी करने के बाद दातार सिंह ने कहा, अलविदा! मेरा समय खत्म होता है। इतना कहने के बाद जैसे ही वह कुर्सी पर बैठे उन्हें हार्ट अटैक की शिकायत हुई। जिसके बाद अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।

कॉमरेड दातार सिंह के निधन से किसान नेताओं और उनके चाहने वालों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। एक कठिन समय व किसान आंदोलन के इस नाजुक मुक़ाम पर कॉमरेड दातार सिंह का जाना बेहद दुखदाई है। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता है।

किसान आंदोलन के नेतृत्वकारी शख्सियत

दातार सिंह किसान आंदोलन के शुरू से एक स्तम्भ रहे हैं। कृषि कानून वापस लिए जाने को लेकर कई प्रदर्शनों में भी शामिल हुए थे। विगत दिनों ही वे दिल्ली बॉर्डर से कार्यक्रम में शिरकत करने अमृतसर गए थे।

दातार सिंह ने कहा था कि किसान कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन समस्या हल करने के बजाए केंद्र सरकार किसानों को बांटने की साजिश में जुट गई है। किसान सरकार की इस साजिश को समझते हैं। सरकार याद रखे की जब तक इन कानूनों को वापस नहीं किया जाता, तब तक घर नहीं जाएंगे।

कॉमरेड दातार सिंह नहीं रहे, लेकिन उनका संकल्प जीवित है, और किसान आंदोलन की जीत के लिए प्रेरणादायी भी बना रहेगा।

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