वेतन ना मिलने से फ़ैक्ट्री में ही मज़दूर ने की खुदकुशी, नाराज मज़दूर फ़ैक्ट्री में धरनारत

श्री गंगानगर के रीको औद्योगिक क्षेत्र में विकास डब्ल्यू एसपी की घटना

करीब 14 माह से वेतन न मिलने से आर्थिक तंगी से परेशान हाेकर एक श्रमिक ने अपनी फैक्ट्री में ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। रीको औद्योगिक क्षेत्र में विकास डब्ल्यू एसपी में बुधवार देर शाम यह हादसा हुआ। गांव लालगढ़ जाटान निवासी श्रमिक हनुमान सुथार (55) का शव शाम लगभग 7 बजे फैक्ट्री में डीजी रूम में फंदे पर झूलते मिला।

मजदूराें काे जैसे ही घटना का पता लगा ताे वे बड़ी संख्या में फैक्ट्री जा पहुंचे। इस दाैरान मजदूराें ने फैक्ट्री मालिक पूर्व विधायक कामिनी जिंदल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसी बीच सदर थाना से भी पुलिस जाब्ता माैके पर पहुंचा। पुलिस ने मजदूराें से समझाइश के प्रयास भी किए, लेकिन मजदूर और उग्र हाे गए। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। रात काे एसडीएम उम्मेदसिंह रतनू माैके पर पहुंच गए। वे मजदूराें से समझाइश का प्रयास कर रहे थे।

मृतक के तीन बेटी व एक बेटा बताया जा रहा है। विकास डब्ल्यू एसपी कर्मचारी यूनियन के एक पदाधिकारी ने कहा कि जब तक प्रशासन बकाया वेतन के विवाद को नहीं सुलझाता। तब तक श्रमिक हनुमान के शव को डीजी रूम से नहीं हटाने दिया जाएगा। मामले काे लेकर भास्कर संवाददाता ने कामिनी जिंदल काे उनका पक्ष जानने के लिए कई बार उनके माेबाइल फाेन पर काॅल किया, लेकिन उन्हाेंने फाेन काॅल रिसीव नहीं की।

श्रमिकाें का गुस्सा इस कदर था कि पुलिस काे भी फैक्ट्री के अंदर नहीं जाने दिया। श्रमिकाें का कहना था कि जब तक श्रमिक के परिवार काे उसका बकाया वेतन एवं मुआवजा नहीं मिलता तब तक शव नहीं उतारने दिया जाएगा। विकास डब्ल्यू एसपी कर्मचारी मजदूर यूनियन के हरिसिंह स्वामी, ईशरराम वर्मा का कहना है कि वे कलेक्ट्रेट के आगे बीते 24 दिन से धरने पर विभिन्न मांगाें काे लेकर बैठे हुए हैं।

फैक्ट्री से ही मजदूराें से घटना का पता चला, इस पर माैके पर पहुंचे। जैसे-जैसे मजदूराें काे पता चल रहा है, फैक्ट्री पहुंच रहे हैं। मजदूराें ने फैक्ट्री का डीजी रूम व मुख्य गेट घेरा हुआ है। पुलिस काे भी शव नहीं उतारने दिया गया। ईशरराम का कहना है कि पूर्व में भी कई बार कामिनी जिंदल तक परेशानी पहुंचाई गई, लेकिन एक बार भी उन्हाेंने यह जानने का प्रयास नहीं किया कि बिना वेतन मजदूराें का घर कैसे चल रहा हाेगा। श्रमिक हनुमान सुथार ने भी आर्थिक तंगी के चलते ही यह कदम उठाया है।

यूनियन के एक पदाधिकारी विनोद खुड़िया ने बताया कि श्रमिक हनुमान वेतन नहीं मिलने से कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान था। उसने बेटी की शादी अप्रैल में तय कर रखी है। बुधवार सुबह वह अन्य दिनाें की तरह ही फैक्ट्री में ड्यूटी पर आया, जहां वेतन मांगा ताे जवाब मिला कि मामला काेर्ट में है न्यायालय के निर्णय के बाद ही वेतन मिलेगा। इससे हनुमान मानसिक तनाव में आ गया और डीजी रूम में जाकर आत्महत्या कर ली।

खुडिया ने बताया कि आम ताैर पर हनुमान शाम 5:30 बजे तक घर पहुंच जाते हैं, लेकिन बुधवार काे शाम पाैने छह बजे तक वे घर नहीं पहुंचे ताे बेटी ने उनके साथी काे फाेन कर पिता के बारे में जानकारी मांगी। इस पर पहले हाजिरी रजिस्टर देखा ताे उसमें केवल फैक्ट्री के अंदर आना ही इंद्राज था। ऐसे में तलाश शुरू हुई ताे हनुमान डीजी रूम में फंदे से लटका मिला।

दैनिक भास्कर से साभार

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