निजीकरण नीति वापस लो, पुरानी पेंशन बहाल करो!

मध्यप्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन ने किया आह्वान

बालाघाट. मप्र विद्युत मंडल पेंशनर्स एसोसिऐशन एवं मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इम्प्लाईज एंव इंजीनियर्स के बैनर तले शनिवार को उपखंड कटंगी में पेंशनर्स की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विद्युत क्षेत्र का निजीकरण होने से पेंशनर्स पर पडऩे वाले प्रभाव की जानकारी दी गई। बैठक में अध्यक्ष आईडी पटले ने कहा कि निजी कंपनियों के विद्युत क्षेत्र के आने से पेंशनर्स को भविष्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। चूकिं अगर पेंशनर्स को किसी तरह की कोई समस्या होगी तो वह सुनवाई करने के लिए किसके पास जाएगा यह बड़ा सवाल होगा। इस दौरान सहायक यंत्री राजीव रंजन, केएल चौहान, व्हीके भगत, रीमेश्वर सोनी, इमरतलाल बिसेन, डीडी मेश्राम, सरिता ठाकरे, मंगल राहंगडाले, दशरथ डहरवाल, कार्तिक पटले सहित पेंशनर्स मौजूद रहे।

इन्होंने मांग की है कि प्रस्तावित विद्युत सुधार बिल 2020 एवं एसबीडी को तुंरतु वापस लिया जाए, प्रदेश एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में वितरण कंपनियों के निजीकरण को वापस लिया जाए। देश में प्राइवेट लाइसेंसी एवं फ्रेंचाइजी समाप्त की जाए। पूरे देश में उत्पादन, परिषण एवं वितरण कंपनियों का केरल राज्य विद्युत बोर्ड की तरह एकीकरण किया जाए। नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागु की जाए एवं अनिवार्य सेवानिवत्ति को विद्युत क्षेत्र में समाप्त किया जाए। संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के साथ-साथ आउअसोर्स कर्मियों को तेलंगाना शासन की तर्ज पर संविलियन किया जाए। अधोसंरचना अनुसार नए पद सृजन कर उन्हें नियमित कर्मचारियों से भरा जाए।

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