किसानों ने दिखाया एकता का जौहर

26 जनवरी की परेड के लिए की ट्रैक्टर मार्च की रिहर्सल

26 जनवरी से पहले ये देश, अब तक नौसेना के हवाई करतबों का रिहर्सल देखा करता था, लेकिन इस साल 26 जनवरी से पहले देश के किसानों ने राजधानी दिल्ली और एनसीआर के लोगों को ट्रैक्टर मार्च का रिहर्सल दिखाया। तमाम मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए पूरे देश ने किसानों का ट्रैक्टर रिहर्सल मार्च देखा। तमाम मीडिया संस्थान अलग-अलग संख्या बता रहे हैं, लेकिन किसान संगठनों की ओर से दावा किया जा रहा है कि 26 जनवरी से पहले की इस रिहर्सल में 60 हजार के करीब ट्रैक्टरों पर किसानों ने हिस्सा लिया। सबसे ख़ूबसूरत बात ये कि इस ट्रैक्टर मार्च में महिला किसान भी ट्रैक्टर की स्टीयरिंग सम्हाले नज़र आईं।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार को चेतावनी देने के लिए यह रैली निकाल रहे हैं। 26 जनवरी को हम ट्रैक्टर की परेड निकालेंगे। उन्होंने कहा कि हम मई, 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं।प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के अनुसार, यह उनके प्रस्तावित 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के लिए सिर्फ ‘रिहर्सल’ है जो आने वाले दिनों में हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित किया जाएगा।

कड़ी सुरक्षा के बीच, हजारों किसानों ने आज गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ सिंघु, टिकरी, गाजीपुर, रेसवाना, चिल्ला और कुंडली बॉर्डर जैसे प्रदर्शन स्थलों से अपना ट्रैक्टर-मार्च शुरू किया। आंदोलनकारी किसानों ने सुबह 11 बजे के करीब ट्रैक्टर मार्च शुरू किया और दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस के जवानों की भारी तैनाती के बीच कुंडली, मानेसर, पलवल एक्सप्रेस-वे की ओर बढ़ गए। फिर यह मार्च सिंघु बॉर्डर से टिकरी, टिकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल और पलवल से गाजीपुर तक निकाला गया।

भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने केंद्र सरकार द्वारा किसान कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को जारी रखते हुए महामाया फ्लाईओवर से चिल्ला बॉर्डर तक ट्रैक्टर मार्च शुरू किया।संयुक्त किसान मोर्चा की केएमपी एक्सप्रेस-वे पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के मद्देनज़र ट्रक्टर रैली के लिए निर्धारित रूट के ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ तमाम आंदोलन स्थलों पर भारी पुलिस बल तैनात करके सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र ट्रैक्टर मार्च की वीडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस प्रशासन द्वारा करवाई गई।

बता दें कि जब सिंघु बॉर्डर से किसानों का जत्था पलवल की ओर निकला, इस दौरान सैकड़ों ट्रैक्टर के साथ हजारों किसान मौजूद रहे। ट्रैक्टर मार्च के कारण 15 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। सिंघु बॉर्डर पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया था।

किसानों का ट्रैक्टर अलग-अलग बॉर्डर से किसानों का जत्था कोंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के लिए रवाना हुआ। इसे लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी संख्या में तैनाती की गई थी। वहीं गाजियाबाद सिटी एडीएम शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पहले किसान पलवल तक ट्रैक्टर रैली निकालने वाले थे लेकिन अब वे नोएडा तक ही जाएंगे और गाजीपुर लौटेंगे। पर्याप्त पुलिस बल तैनात है, वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है।बता दें कि बीकेयू के वरिष्ठ नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में ट्रैक्टर मार्च गाजीपुर से पलवल तक निकाला गया था।

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली से हापुड़ की तरफ जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक रोका गया। लाल कुआं और डायमंड से ट्रैफिक को शहर के अंदर डायवर्ट किया गया। हापुड़ रोड से एक्सप्रेस-वे पर आने वाले रास्ते को भी बंद किया गया। वाहन कई जगह जाम में फंसे रहे। ग्रेटर नोएडा में पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को बंद कर दिया गया था।

इसके अलावा सिंघु, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बार्डरा यातायात के लिए बंद रहे। यातायात पुलिस आज पूरे दिन लगातार ट्वीट करके बंद और डायवर्ट रास्तों का अपडेट देती रही। किसानों के प्रदर्शन के कारण चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद थे। ट्रैपिक पुलिस ने नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, भोपुरा और लोनी बार्डर जैसे वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने की हिदायत देते हुए ट्वीट किया।

ट्रैक्टर मार्च के दौरान भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उग्राहन ने मीडिया को बताया कि टिकरी बॉर्डर से 3,500 से अधिक ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ किसानों ने ट्रैक्टर मार्च में भाग लिया।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के अभिमन्यु कोहार के मुताबिक हरियाणा के लगभग 2,500 ट्रैक्टरों ने आज के मार्च में भाग लिया है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में, हम तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे। अभिमन्यु कोहार ने कहा, “हम चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो किसानों का विरोध और तेज हो जाएगा।”

कई महिला किसान आज के ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा लेने के लिए ही कल शाम को दिल्ली बॉर्डर पहुंची थीं।वहीं किसान यूनियनों का कहना है कि आज का मार्च 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च का ट्रेलर था। असल फिल्म तो 26 जनवरी को दिखाएंगे। हरियाणा के किसान संगठनों ने हर गांव से 10 महिलाओं को 26 जनवरी के लिए दिल्ली बुलाया है। यही अपील उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी की है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च की अगुआई महिलाएं ही करेंगी। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।

कल शुक्रवार को सरकार और किसान यूनियन के नेताओं की आठवें दौर की बैठक प्रस्तावित है। वहीं कल बुधवार को कृषि कानून रद्द करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। साथ ही कहा कि किसानों की हालत समझते हैं। अब 11 जनवरी को सुनवाई होनी है।

जनचौक से साभार

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