कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन तेज, आज ट्रैक्टर मार्च

देशव्यापी ‘किसान जागृति पखवाड़ा’ हुआ शुरू

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ का ‘किसान जागृति पखवाड़ा’ आज देश भर में शुरू हो गया। देशभर के किसान, मजदूर और जागरूक नागरिक इस मुहिम में भाग लेते हुए तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस करवाने और MSP को कानूनी गारंटी की मांग को मजबूती दे रहे है।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि इसी कड़ी में बिहार में 20 से ज्यादा जगहों पर किसानों के पक्के मोर्चे जारी है। ओडिशा में मयूरभंज, चिलिफ़ा सहित अनेक स्थानों पर किसान संघर्षरत है। झारखंड के पलामू में नौजवान नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से इस सरकार के किसान-मजदूर-गरीब विरोधी चेहरे को बेनकाब कर रहे है। राजस्थान के उतरी जिलों में आज ट्रेक्टर मार्च निकाले गए। कर्नाटक के किसान भी भारी संख्या में आंदोलन में हिस्सा ले रहे है।

जैसे जैसे दिन प्रतिदिन किसान आंदोलन देशव्यापी और जनव्यापी रूप ले रहा है वैसे ही सरकार इस आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है। गुजरात से किसान नेता जेके पटेल की गिरफ्तारी की सयुंक्त किसान मोर्चा कड़ी निंदा करता है। इसी तरह देशभर में जहां जहां सरकारों ने किसानों को आंदोलन को दबाने का प्रयास किया है उसके लिए हम विरोध जताते है।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत दौरा रद्द करना मोदी सरकार की कूटनीतिक हार और किसानों की राजनैतिक जीत है। किसानों को घर छोड़े 40 से ज्यादा दिन हो गए है और 80 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके है। दुनिया भर के राजनैतिक और सामाजिक संगठन इस आंदोलन को समर्थन कर रहे है पर मोदी सरकार के किसान विरोधी रवैये को देखते हुए किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में शांतिपूर्ण ‘किसान गणतंत्र परेड’ की घोषणा की और उसके रिहर्सल के लिए 7 जनवरी को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है। इन सभी प्रयासों से इंग्लैड के प्रधानमंत्री का भारत दौरे रद्द होने निश्चित तौर पर किसानों की बड़ी जीत है।

कलाकार दिलजीत दोसांझ, जो कि किसान आंदोलन में खुलेआम भाग ले रहे है और हरसंभव मदद कर रहे है, को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाना सरकार के समर्थकों की बौखलाहट का प्रतीक है। अब यह आंदोलन जन आंदोलन बन रहा है और मोदी सरकार अपने इतिहास में पहली बार बैकफुट पर दिखाई दे रही है। हम दिलजीत दोसांझ और अन्य कलाकारों पर चौतरफा हो रहे हमलों की निंदा करते है और सभी कलाकारों का इस आंदोलन का समर्थन करने पर आभार व्यक्त करते है।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि आंदोलन के में नेताओ में आपसी फूट डालने के लिए अनेक शक्तिया एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। लेकिन सयुंक्त किसान मोर्चा दिनों दिन और भी मजबूत होता जा रहा है। हमारे साथी मंजीत राय के परिवार को धमकियां मिल रही है जिसकी हम सख्त निंदा करते है और उन सभी शक्तियों को हम उचित करवाई की चेतावनी देते है।

बारिश और ठंड को मद्देनजर रखते हुए किसानों द्वारा वाटर प्रूफ टेंट और अन्य इंतज़ाम करना जारी है। सिंघु बॉर्डर पर पूरे पंडाल में वाटर प्रूफ टेंट और प्रकाश की व्यवस्था की गई। टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने पक्के मोर्चे कायम रखने के साथ साथ लाइब्रेरी, फ़िल्म स्क्रीनिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जन भागीदारी की गतिविधियां जारी रखी हुई है।

जयपुर-दिल्ली रोड पर पुलिस की बर्बरता के बावजूद किसानो का हौसला बुलंद है। अनेक समाजसेवी संस्थाए किसानों को सहायता के लिए आगे आ रही है।

मीडिया विजिल

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे