टीआरपी बढ़ाने के लिए अर्णब ने दी थी लाखों रुपए की घूस

पुलिस ने अदालत के समक्ष रिमांड रिपोर्ट में किया खुलासा

मुंबईः मुंबई पुलिस का कहना है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी ने दोनों रिपब्लिक टीवी चैनलों की टीआरपी बढ़ाने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को लाखों रुपये का भुगतान किया है.इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने सोमवार को अदालत के समक्ष रिमांड रिपोर्ट में यह बात कही है.

पुलिस ने दासगुप्ता की रिमांड मांगते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया, ‘जब दासगुप्ता बार्क के सीईओ थे, तब अर्णब गोस्वामी और अन्य आरोपियों ने रिपब्लिक भारत और रिपब्लिक टीवी की अवैध रूप से टीआरपी बढ़ाने के लिए साजिश रची थी. ऐसा करने के लिए गोस्वामी ने कई बार दासगुप्ता को लाखों रुपये दिए, जो कि जांच में सिद्ध हुआ है.’

यह पहली बार है कि पुलिस ने टीआरपी मामले में गोस्वामी की कथित भूमिका का खुलासा किया है. हालांकि इस संबंध में टिप्पणी करने के लिए अर्णब गोस्वामी उपलब्ध नहीं थे.इस रिमांड रिपोर्ट में अभियुक्तों की सूची में रिपब्लिक टीवी के मालिकों का भी जिक्र है. हालांकि, इसमें विशेष रूप से गोस्वामी का नाम नहीं है.रिपोर्ट के मुताबिक, दासगुप्ता ने आभूषण और अन्य कीमती सामान खरीदने के लिए उस पैसे का इस्तेमाल किया. इस सामान को उनके घर से भी जब्त किया गया है.

पुलिस ने कहा, ‘इसमें लगभग एक लाख रुपये की टैग ह्युअर की घड़ी और 2.22 लाख रुपये के आभूषण हैं.’सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वेज ने कहा कि दासगुप्ता ने जांच के दौरान कहा कि गोस्वामी की मुंबई के अलग-अलग होटलों में उनसे तीन बार मुलाकात हुई और उन्होंने लाखों रुपये की नकदी का भुगतान किया, जिसमें अमेरिकी डॉलर भी थे.उन्होंने कहा कि गोस्वामी और दासगुप्ता ने टाइम्स नाउ में एक साथ काम किया था.

वेज ने कहा कि पुलिस को आशंका है कि दासगुप्ता और रोमिल रामगढ़िया के अलावा बार्क के पूर्व सीईओ बार्क के कुछ अन्य कर्मचारियों की भी भागीदारी है.बता दें कि मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी घोटाला मामले में बार्क के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) रोमिल रामगढ़िया को 17 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. यह इस मामले में 14वीं गिरफ्तारी थी.

पिछले हफ्ते पुलिस ने कहा था कि उन्होंने एक थर्ड पार्टी की ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद ये गिरफ्तारी की.पुलिस के मुताबिक, इस साल जुलाई महीने में बार्क के समक्ष पेश की गई ऑडिट रिपोर्ट में कहा कि टाइम्स नाउ जैसे चैनल की रेटिंग कम कर दी गई, ताकि रिपब्लिक की टीआरपी बढ़ाई जाए.

पुलिस का कहना है कि उन्हें बार्क के कर्मचारियों के बीच के कुछ ईमेल भी मिले, जिससे यह सिद्ध होता है.अक्टूबर में मुंबई पुलिस ने कुछ चुनिंदा टीवी चैनलों की टीआरपी में हेराफेरी के लिए एफआईआर दर्ज की थी.पुलिस ने बाद में कहा कि टीआरपी की हेराफेरी में तीन चैनल रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमाज और फख्त मराठी शामिल थे.

इसके बाद नवंबर में पुलिस ने टीआरपी मापने के लिए घरों में लगाए गए बार-ओ-मीटर से छेड़छाड़ के लिए 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.अब दूसरी चार्जशीट दासगुप्ता, रामगढ़िया और अन्य के खिलाफ दायर की जाएगी.गौरतलब है कि बार्क द्वारा हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से कुछ चैनलों के खिलाफ टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी.

कुछ घरों में मशीनों के जरिये दर्शकों की संख्या का पता लगाकर टीआरपी मापी जाती है. बार्क टीवी चैनलों के लिए साप्ताहिक रेटिंग जारी करता है, जो विज्ञापन देने वालों को आकर्षित करने के लिए अहम होती है.बार्क टीवी के दर्शकों की संख्या बताने के लिए सटीक, विश्वसनीय और समयबद्ध प्रणाली के गठन और निगरानी का काम करता है और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के दिशानिर्देशों से बंधा होता है.

बीते आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. मुंबई के पुलिस आयुक्त ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों ने टीआरपी के साथ हेराफेरी की है. हालांकि रिपब्लिक टीवी ने इन आरोपों से इनकार किया है.अब तक इस मामले में रिपब्लिक टीवी के पश्चिमी क्षेत्र वितरण प्रमुख और दो अन्य चैनलों के मालिकों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.हालांकि रिपब्लिक टीवी ने कुछ भी गलत करने की बात से इनकार किया है.

द वायर से साभार

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