बेल सोनिका कंपनी में 21 महीने बाद वेतन समझौता

तीन साल में 12,000 रु. वेतन बढ़ोत्तरी पर सहमति

राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के एक दिन पहले ही चार पहिया वाहन निर्माता कंपनी मारुति की कंपोनेंट मेकर कंपनी बेलसोनिका में वेतन समझौता हो गया। क़रीब 21 महीने से लंबित वेज सेटलमेंट की मांग को आखिरकार मैनेजमेंट ने मान लिया और तीन साल के दरम्यान कुल 12,000 रुपये की कुल वेतन वृद्धि पर सहमति बन गई।

यूनियन ने अभी पिछले दिनों ही एक कार्यक्रम कर ठेका मज़दूरों को भी यूनियन की सदस्यता देना शुरू कर दिया था जिसे लेकर मैनेजमेंट और यूनियन के बीच कुछ तनातनी की ख़बरें आईं। बेलसोनिका यूनियन के जनरल सेक्रेटरी जसवीर ने कहा कि परमानेंट और ठेका मज़दूरों की एकता के बूते ही प्रबंधन 21 महीने बाद डिमांड नोटिस पर बात करने को तैयार हुआ।

जानकारी के अनुसार, मैनेजमेंट लॉकडाउन के दौरान तीन साल के लिए साढ़े चार हज़ार रुपये का प्रस्ताव लेकर आया लेकिन यूनियन ने तीन साल के लिए 30,000 रुपये की डिमांड रखी। इसी बीच मैनेजमेंट ने यूनियन बॉडी पर दो बार स्लो डाउन का भी आरोप लगाया था। एक वर्कर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मैनेजमेंट की पूरी कोशिश थी कि यूनियन अपना मांग पत्र वापस ले ले और अगले साल इसे पेश करे। लेकिन आखिरकार दोनों तरफ़ से सहमति बनी और समझौता हुआ।

इस समझौते के तहत 10,500 रुपये ग्रास सैलरी में वृद्धि होगी जबकि डेढ़ हज़ार रुपये उत्पादन और क्वालिटी भत्ते के रूप में दिया जाएगा। कंपनी ने लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों कैजुअल और अस्थाई वर्करों को निकाल दिया था लेकिन समझौते में 10 कैजुअल वर्करों को परमानेंट करने की बात मान ली गई है। साथ ही उत्पादन और क्वालिटी भत्ते का लाभ भी कैजुअव वर्करों को मिलेगा।

समझौते के अनुसार पहले साल ग्रास सैलरी में 4,500 रुपये, दूसरे साल 3,000 रुपये और तीसरी साल 3,000 रुपये की बढ़ोत्तरी होगी।बाकी 1000 रुपये उत्त्पादन भत्ता और 500 रुपये क्वालिटी भत्ता देय होगा। शिफ्ट अलाउंस के रूप में C शिफ्ट का उत्त्पादन भत्ता 20 रुपये प्रतिदिन दिया जाएगा और बस सुविधा को बढ़ाकर पलवल रूट को भी चालू किया जाएगा।

कंपनी जो अर्न लीव (ईएल) के रूप में 40 छुट्टियां देती थी, उसे बढ़ाकर 50 कर दिया गया है। इसके अलावा श्रमिकों के मेधावी बच्चों को कंपनी की ओर से वजीफ़ा भी दिया जाएगा। इसके अनुसार, 6 से 10 वीं तक पढ़ने वाले बच्चों में प्रथम आने वालों को 5100 रुपये दूसरे स्थान पर आने वाले को 4100 रुपये और तीसरी स्थान पर आने वाले बच्चे को 3100 रुपये देने का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह 11 वीं से 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों, खेलने वाले खिलाड़ियों आदि को भी इसी तरह के वजीफ़े दिए जाएंगे। ‘द फ़ैक्ट्री’ फ़िल्म दिखाती है, श्रम क़ानूनों को कांग्रेस ने रद्दी बना दिया था, बीजेपी ने उसे बस जामा पहनाया है, स्थायी-अस्थायी का भेद मिटा बेलसोनिका यूनियन ने कैज़ुअल मज़दूरों को दी यूनियन की सदस्यता

साल में दो बार ठेका श्रमिकों के वेतन में 3%-4% अलग अलग हाजिरी पर अप्रैल में और अक्तूबर में 5% की वेतन बढ़ोत्तरी की जाएगी। दीपावली गिफ्ट को 1500 रुपये से बढ़ा कर 2000 रुपये किया गया है। दुर्भाग्यवश अगर किसी ठेका श्रमिक की मृत्यु हो जाती हैं तो सभी स्थाई श्रमिकों की एक दिन की ग्रॉस सेलरी और स्टाफ श्रमिकों की 1 दिन की ग्रॉस सैलरी का अधिकतम 2000 रुपये काट कर मृतक के परिवार /आश्रितों को अंशदान के रूप में दिए जाएगी। इसके अलावा पुरानी सभी सुविधाएं यथावत लागू रहेंगी।

बेलसोनिका एम्प्लाईज़ यूनियन ने इस समझौते पर सदस्य मज़दूरों को बधाई दी है और मज़दूर वर्गीय एकता को क़ायम रखने की नसीहत भी दी है। यूनियन ने 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया था। हालांकि अभी मारुति उद्योग कामगार यूनियन जोकि मारुति और उससे जुड़ी कंपनियों का एक संयुक्त मंच है, में हड़ताल में शामिल होने पर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है।

(workersunity.com से साभार)

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