फिर कोरोना : क्या महामारी चुनाव देखकर आती है?

बिहार चुनाव के बाद फिर फैल रहा है कोरोना का शोर!

बिहार चुनाव के दौर में तेजी से संक्रमण घटने की ख़बरों के बाद एक बार फिर कोरोना संक्रमण में बृद्धि और लॉकडाउन लगाने की खबरों में तेजी आ गई है। अचानक इस बदलाव पर अहम और सोचनीय सवाल उठा रहें हैं वरिष्ठ विश्लेषक गिरीश मालवीय

मीडिया में ग़जब की ताकत है वो कोई भी मुद्दा आपके दिमाग मे ठूस देता है!… आप कुछ दिनों पहले बिहार चुनाव के दिनों को याद करिए!… आपको कोरोना देश मे कही नजर आ रहा था? लेकिन आज आप देखिए मीडिया कोरोना मय हो चुका है।

सितंबर के आखिर में देश मे लगभग 90 हजार पेशेंट रोज आ रहे थे। तब कोरोना की बड़ी छिटपुट न्यूज़ आती थी। लेकिन पिछले 4-5 दिनों से देखिए जैसे ही यूरोप अमेरिका में पेशेंट बढ़ने शुरू हुए कोरोना की दूसरी लहर का हल्ला मच गया। अचानक से मीडिया में कोरोना प्राइम टाइम में शामिल हो गया जैसे कोरोना फिर से लौट आया हो!… वैसे आजकल तो सोशल मीडिया के बड़े बड़े महारथी भी कोरोना को याद कर रहे हैं, रोज कोरोना की पोस्ट कर रहे हैं!

अच्छा! आपको लग रहा होगा कि मैं झूठ कह रहा हूँ तो आपको एक बात और याद दिलाता हूँ। जब शुरुआत में कोरोना के केस बढ़ने शुरू हुए तो मीडिया में खबरें आती थी कि एक बीमार नाई ने दाढ़ी कटिंग बनाई तो दुकान से सैकड़ों लोग संक्रमित हो गए, या हलवाई को कोरोना था तो भोज में शामिल लोगों को भी कोरोना हो गया, जमाती तो खैर कोरोना में ही बदनाम हुए थे।

लेकिन जब अनलॉक हुआ और भारत मे कोरोना केस 80-90 हजार प्रतिदिन आने लगे तो ऐसी खबरें आना बिल्कुल बन्द सी हो गईं।

क्या तब ऐसा संक्रमण होना बन्द हो गया था?

ऐसी खबरों का दूसरा दौर फिर से शुरू हो गया है। अब एक बार फिर ऐसी खबरें फैलाई जा रही है, जैसे… हरियाणा के स्कूल में 31 बच्चों को कोरोना हुआ, इंदौर में ज्वेलरी शॉप के 31 कर्मचारियों को कोरोना हुआ और उनसे संपर्क में आने वाले ग्राहको की जाँच की जाएगी!…

अच्छा एक बात और बताइये! कहीं आपने ऐसी खबरें पढ़ी कि मोदी की चुनावी रैली में कोरोना पॉजिटिव के शामिल होने से सैकड़ों लोग कोरोना पॉजिटिव हुए? या किसी अन्य नेता की रैली के बारे में ऐसी खबर आई?

हमारे इंदौर में जिस टाइम विधानसभा उप चुनाव की सरगर्मी चल रही थी, मरीज बेहद कम थे, जबकि रोज हजारों लोगों की भीड़ जुट रही थी। नेताओं की रैलियां बदस्तूर जारी थीं। जिस दिन 3 नवम्बर को यहाँ मतदान थे उस दिन इंदौर में सिर्फ 52 मरीज थे। दो दिन पहले मंगलवार को इंदौर में 194 नए मरीज मिले हैं। बुधवार को 293 और गुरुवार को मरीजों की संख्या 313 हो गयी है। यानी चुनाव खत्म मरीज बढ़ा दो ?

क्या महामारी चुनाव की तारीख देखकर आती है

ये कैसी महामारी है जो प्रशासन की इच्छा पर निर्भर है!… वो जब चाहे मरीज निकालता है जब चाहता है मरीज निकालना बन्द कर देता है!…

ये कैसी महामारी है जो मीडिया की इच्छा पर निर्भर है? वो जब खबर बताता है पैनिक फैलाता है तब ही लोगो को याद आता है कि इससे डरना है। जब देश मे 95 हजार मरीज रोज आते हैं तब कोई खबर नही आती, लेकिन जैसे ही 40-45 हजार मरीज रोज आते हैं वैसे ही हल्ला शुरू कर देता है!…

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