निजीकरण के विरोध में कोल क्षेत्र में भी 26 नवम्बर को हड़ताल

देशव्यापी आम हड़ताल में हर क्षेत्र के मज़दूर होंगे शामिल

मज़दूर विरोधी नीतियों, निजीकरण आदि के ख़िलाफ़ 26 नवम्बर की अखिल भारतीय आम हड़ताल में सरकारी-सार्वजनिक क्षेत्र से लेकर निजी क्षेत्र तक के मज़दूर-कर्मचारी भागीदारी के लिए कमर कस रहे हैं। उधर किसान संगठन भी तैयारी में जुटे हैं। इसी क्रम में कोयला खनन क्षेत्र में कामर्शियल माइनिंग के तहत कोल ब्लाक की नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ होने के ख़िलाफ़ मजदूर संगठनों ने भी 26 नवंबर को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया है।

बिश्रामपुर (छत्तीसगढ़) के एसईसीएल में कार्यरत श्रमिक संगठनों ने सोमवार को सीएमडी से मुलाकात कर उन्हें 26 नवंबर की एक दिनी हड़ताल की नोटिस थमा दी है। हड़ताल की नोटिस में सत्ताधारी भाजपा-संघ से सम्बद्ध बीएमएस शामिल नहीं है।

ज्ञात हो कि कोयला उद्योग में कोल ब्लाकों के वाणिज्यिक खनन पर तत्काल रोक लगाने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर एचएमएस के केंद्रीय महामंत्री नाथूलाल पांडेय, एटक के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह, सीटू के केंद्रीय महामंत्री जेएस सोढ़ी, इंटक के केंद्रीय महामंत्री पीके राय एवं साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने सोमवार को एसईसीएल के सीएमडी एपी पंडा से मुलाकात कर संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपते हुए 26 नवंबर को एक दिनी हड़ताल का अल्टीमेटम दिया है।

इसकी जानकारी देते हुए सीटू नेता ललन सोनी ने बताया कि कोयला उद्योग में कोल ब्लाकों के वाणिज्यिक खनन पर तत्काल रोक लगाने समेत कोल इंडिया के शेयरों के विनिवेश अथवा बाई पैक पर तत्काल रोक लगाने, कोल इंडिया एवं सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी को कमजोर करने के कदम को तत्काल रोकने, सीएमपीएफ को ईपीएफ में विलय करने की योजना पर तत्काल रोक लगाने, भूमि स्थापितों को नौकरी के बदले कोल इंडिया द्वारा प्रस्तावित कोल इंडिया एन्युटी योजना 2020 को वापस लेने, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को गलत ढंग से कम दर्शाकर वीडीए की गणना करने का प्रचलन तत्काल बंद करने, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने की योजना बंद करने आदि मांगों को लेकर 26 नवंबर को एसईसीएल की समस्त खदानों में हड़ताल की नोटिस एसईसीएल कंपनी के सीएमडी को दी गई है।

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