कोरोना के बहाने सरकारी कर्मियों को 8% कम मिल रहा वेतन
मध्यप्रदेश में 5% डीए व 3% वेतन बृद्धि रोका, मासिक नुकसान
कोरोना के बहाने निजी कम्पनियों ही नहीं, सरकारी महकमे के कर्मचारियों के वेतन में कटौती शोषण का जरिया बन चुका है। देश के अन्य राज्यों कि तरह मध्यप्रदेश के सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को वेतन में आठ फीसदी का सीधा नुकसान झेलना पड़ रहा है। इससे पूरे प्रदेश के 7.5 लाख से ज्यादा कर्मियों का हर महीने वेतन में घटोत्तरी का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल एक तो कोरोना संकट का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने इनका पांच फीसदी डीए रोक लिया था। दूसरे, बाद में काल्पनिक वेतनवृद्धि के नाम पर इनका 3 प्रतिशत इंक्रीमेंट भी रोक लिया।
7.5 लाख से ज्यादा कर्मी प्रभावित
सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ये दो बड़े निर्णय लिए थे। इसमें निगम-मंडल मिलाकर प्रदेश के 7.5 लाख से ज्यादा अधिकारियों व कर्मचारियों को वेतन में सीधा नुकसान हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक अगले साल तक अधिकारियों-कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी मिलने के आसार नहीं हैं।
रिटायर होने वालों को भी नुकसान
इस वर्ष अप्रैल या इसके बाद रिटायर होने वाले कर्मियों को अवकाश नगदीकरण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसमें भी इन्हें डीए के कारण 5 फीसदी राशि कम मिल रही है।
क्या है नुकसान का गणित
कर्मचारी नेता चंद्रशेखर परसाई ने बताया कि किसी का मूल वेतन 50 हजार है। इसमें 5% डीए 2500 रुपए नहीं मिला। इस मूल वेतन के आधार पर मिलने वाला इंक्रीमेंट 1500 रुपए भी नहीं मिले। इस तरह यह कुल 4 हजार रुपए हो गए।
किस श्रेणी को कितना नुकसान
–दैनिक भाष्कर से साभार (सम्पादित)