निजीकरण के विरोध में 26 नवंबर को होगी हड़ताल

देशव्यापी हड़ताल : बिजली कर्मचारी संगठनों ने भी किया ऐलान

केंद्र सरकार के द्वारा सरकारी क्षेत्र के विद्युत वितरण कंपनी को निजी हाथों में सौंपे जाने के विरोध में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाइज तथा अन्य केंद्रीय श्रम संगठनों के द्वारा सात सूत्रीय मांगों को लेकर 26 नवंबर को पूरे देश में एक साथ एक दिवसीय पूर्ण काम बंद हड़ताल का आवाहन किया गया है। मध्य प्रदेश विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन के अध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन के नेतृत्व में समस्त कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्तर पर निम्न सात मांग सरकार के समक्ष रखी गई है।

 यदि सरकार के द्वारा इन मांगों को नहीं माना जाता है तो 26 नवंबर को हड़ताल निश्चित होगी। संतोष सिंह ने उक्त मांगों के बारे में बताया कि विद्युत संशोधन बिल 2020 तथा स्टेनडरड बिडिंग डॉक्यूमेंट को वापस लिया जाए। ओडीशा सहित समस्त केंद्र शासित राज्यों में निजीकरण को तुरंत रोका जाए। राज्यों में कार्यरत सभी फ्रेंचाइजिस को तत्काल बंद किया जाए। केरल एवं हरियाणा राज्यों के समान एक बोर्ड बनाया जाए। समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों तथा इंजीनियर के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। तेलंगाना राज्य के समान समस्त सुविधाएं ठेका प्रथा आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाए। सभी विद्युत मंडलों तथा उनकी उत्तर वृत्ती कंपनियों में रिक्त नियमित पदों को शीघ्र भरा जाए।

नईदुनिया से साभार

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