26 नवम्बर हड़ताल : बिजलीकर्मी करेंगे ब्लैकआउट

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज यूनियन का ऐलान

बीते 25 साल में बिजली क्षेत्र का सबसे बड़ा आंदोलन 26 नवंबर को प्रस्तावित है। निजीकरण के विरोध में बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों से लेकर लाइनमैन और संविदा अमला तक इस हड़ताल में शामिल होंगे। उस दिन अगर बिजली में खराबी आई तो अगले 24 घंटे तक उसे सुधारने वाला कोई नहीं होगा। जनता यूनियन के नरेंद्र भदौरिया ने बताया कि दिग्विजय सिंह सरकार के दौरान विद्युत मंडल के कंपनीकरण और विखंडन के विरोध में इतनी बड़ी हड़ताल की गई थी। उससे पहल 1988 और 1977 में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह हड़ताल इसलिए बड़ी है क्योंकि इसमें कंपनी के महाप्रबंधक से लेकर निचले स्तर तक के सभी कर्मचारी शामिल होंगे। साथ ही संविदा पर रखे गए कर्मचारियों ने भी इसका समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज यूनियन के बैनर तले सभी संगठन निजीकरण के विरोध में एकजुट हो गए हैं। बिजली क्षेत्र का निजीकरण खतरनाक : उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा आदि आवश्यक सेवाएं हैं। अगर सरकार इन्हें मुनाफाखोर पूंजीपतियों के हवाले कर देंगी तो जनता बेहाल हो जाएगी। शिक्षा और चिकित्सा में बेलगाम निजीकरण की प्रक्रिया के नतीजे आज लोग भुगत रहे हैं।

दैनिक भास्कर से साभार

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे