राजस्थान : विद्युत निजीकरण के विरोध में धरना-प्रदर्शन

राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ की ओर दिया ज्ञापन

राजस्थान में पांचों विद्युत निगमों के निजीकरण को लेकर डिस्कॉम कर्मचारियों में खासा आक्रोश है। इसी को लेकर राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ की ओर से अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा और निजीकरण रोकने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया गया है कि जयपुर, जोधपुर समेत सभी पांचों निगमों में अलग-अलग नामों से निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

जो कि आम जनता और कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसलिए निजीकरण को रोका जाना आवश्यक है। वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2016 में सरकार और निगम प्रशासन ने आमजन को गुणवत्ता पूर्ण एवं सस्ती बिजली देने का वादा करते हुए भरतपुर और कोटा शहर की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर निजीकरण कर दिया।

उस वक्त कर्मचारियों को लिखित में दिया था कि फ्रेंचाइजी के कामों की हर साल समीक्षा कर उसे सार्वजनिक किया जाएगा, लेकिन चार साल बाद भी कोई समीक्षा नहीं की गई है। इसके अलावा मांग की गई कि बिजली कर्मचारियों का कोविड-19 के कारण स्थगित वेतन तथा प्रति माह काटे जा रहे वेतन को को वापस लिया जाए, अन्यथा प्रदेश के सभी कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस दौरान अशोक चौधरी, प्रकाशचंद शर्मा, लखन सिंह गुर्जर, लोकेश सिंह, चंद्रकांत रैना, संजय सिंह आदि मौजूद रहे।

दैनिक भास्कर से साभार

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