कोरोना : जनविरोधी प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ बढ़ते प्रदर्शन

कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ़ बर्लिन में लाखों लोग सड़कों पर

सरकारों द्वारा कोरोना के नाम पर लगाए गए जनविरोधी प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ दुनिया के विभिन्न देशों में विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ने लगे हैं। पिचले सप्ताह जर्मनी की राजधानी बर्लिन बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। ऐसे ही बड़े प्रदर्शन फ्रांस, ऑस्ट्रिया, स्वीट्ज़रलैंड में भी हुए हैं। अर्जेंटीना के लोगों ने इसे सबसे बड़ा कारावास घोषित किया।

जर्मनी की सरकार ने भी मास्क ना पहनने पर जुर्माने लगाने, सामाजिक कार्यक्रम अगले साल तक स्थगित करने जैसे जन विरोधी फ़ैसले लिए थे जिन्हें लोग ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगे प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ।

बर्लिन पुलिस के मुताबिक, राजधानी में बड़े पैमाने पर लोग सड़कों पर उतरे थे। लोग बिना मास्क और बगैर डिस्टेंसिंग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, बर्लिन पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को काबू में कर लिया। बर्लिन पुलिस ने कहा, दुर्भाग्य से हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। प्रदर्शन उग्र था। 

तस्वीरें साफ़ दिखाती हैं कि सरकारी प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ दसियों हज़ार नहीं बल्कि लाखों लोग सड़कों पर थे। इस जन सैलाब में सरकारी प्रतिबंधों के सताई हुई आम जनता और विभिन्न विचारधाराओं वाले लोग शामिल थे।

जहाँ दुनिया भर में जनता सड़कों पर उतर रही है, सरकारी प्रतिबंधों का खुलकर विरोध करने लगी है।

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