अवैध बिजली बिल माफ़ करो, बिजली संशोधन बिल वापस लो!
बिजली बिलों में हो रही मनमानी लूट के खिलाफ धरना
नोहर (राजस्थान), 24 अगस्त। बिजली बिलों में हो रही मनमानी लूट के ख़िलाफ़ और बिजली (संशोधन) अधिनियम 2020 को खारिज आदि माँगों के के साथ सोमवार से उपखंड अधिकारी नोहर के समक्ष बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति ने धरना शुरू किया और विभिन्न माँगों का ज्ञापन दिया।
बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति ने बताया कि लम्बे समय से राजस्थान की जनता बिजली बिलों में मनमानी लूट से त्रस्त है। राजस्थान की सरकार ने कोरोना महामारी की मार झेल रही आम मेहनतकश जनता, मजदूर-किसान के दुःख-तकलीफ कम करने की बजाय बिजली दरों व फ्यूल सरचार्ज व स्थाई शुल्क में बढ़ोतरी कर उसे और भी बढ़ा दिया है। पूरे राजस्थान में सरकार के इस फैसले के खिलाफ जनता में आक्रोश देखा गया।
बिजली कम्पनियों को 90 हजार करोड़ रुपए का कोरोना महामारी में राहत पैकेज मिला जिसका लाभ आम उपभोक्ता को मिलना चाहिए था, बकाया बिजली बिलों को माफ किया जाना चाहिए था, परन्तु इन कम्पनियों ने राहत के तौर पर एक फूटी कौड़ी तक उपभोक्ताओं को नहीं दी बल्कि हजारों-लाखों के नाजायज फर्जी बिल थमा दिये।
राजस्थान के किसान पहले कोरोना के चलते परेशान रहे फिर टिड्डियों ने हमला कर दिया। किसान लाचार और बेबस होकर अपनी फसलों की तबाही का मंजर देखता रहा परन्तु आपकी सरकार ने उसकी कोई मदद नहीं की। मज़दूर वर्ग बेकारी की मार झेल रहा है। अर्थव्यवस्था चोपट हो चुकी है। ऐसे में राजस्थान सरकार को आम जनता की बिजली सम्बंधित समस्याओं पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए।
संघर्ष समिति ने माँग की है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सभी उपभोक्ताओं के बकाया बिजली बिलों को तुरंत प्रभाव से माफ किया जाए। बिजली (संशोधन) अधिनियम 2020 को खारिज करते हुए केंद्र को अवगत करवाया जाए व निजीकरण पर रोक लगाई जाए,सिक्योरिटी राशि के नोटिस को विभाग तुरंत निरस्त करें, स्थाई सेवा शुल्क के रूप में वसूली जा रही राशि को तत्काल बंद किया जाए,बिजली बिलों में भारी अनियमितताओं को तुरंत प्रभाव से ठीक किया जाए। खराब और तेज गति से चलने वाले बिजली मीटरों को बदला जाए, व दिल्ली के अनुरूप राजस्थान में प्रत्येक परिवार को हर माह 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए।
समिति ने बताया कि आज से धरना शुरू हुआ है, जो कल भी जारी रहेगा।