संघर्ष : वोल्टास श्रमिकों ने शुरू किया क्रमिक अनशन

11 महीने से हैं 9 श्रमिक गैरकानूनी गेटबंदी के शिकार

पंतनगर (उत्तराखंड)। गैर कानूनी गेट बंदी के खिलाफ वोल्टास लिमिटेड, सिडकुल, पंतनगर के श्रमिकों ने कम्पनी गेट पर कोविड-19 मानकों का पालन करते हुए क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। यूनियन ने कहा कि प्रबन्धन ने यदि सभी 9 श्रमिकों की कार्यबहाली सहित माँगपत्र का समाधान नहीं किया तो आंदोलन और तेज होगा।

यूनियन अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि वोल्टास इंप्लाइज यूनियन ने नए वेतन समझौते के लिए 9 दिसंबर 2017 को माँगपत्र दिया था, तबसे प्रबन्धन का दमन जारी है। उसने पिछले साल 25 सितंबर, 2019 को यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री, पूर्व अध्यक्ष सहित 8 श्रमिकों की गैर कानूनी रूप से गेट बंद कर दी और एक श्रमिक को बर्खास्त कर दिया था।

प्रबन्धन ने बाद में उसे ले ऑफ बताया। लेकिन श्रम अधिकारियों ने इसको गैरकानूनी घोषित कर दिया और श्रमिकों के वेतन की आरसी काट दी, जिससे बौखलाए प्रबंधन ने 14 फरवरी 2020 से 8 श्रमिकों की सेवा समाप्ति दिखला दिया।

यूनियन महामंत्री दिनेश चंद्र पंत ने बताया कि इस बीच कोरना महामारी एक बहाना बना और तब से मज़दूर बिना वेतन संघर्षरत हैं। ऐसे में यूनियन ने तय किया की तीन श्रमिक प्रतिदिन कंपनी परिसर के निकट क्रमिक अनशन पर बैठेंगे, जो आज से शुरू हुआ है। यदि प्रबंधन ने कार्यबहाली सहित माँगपत्र का निस्तारण नहीं किया तो यह अनशन अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और अन्य वैधानिक आंदोलनों में तब्दील हो सकता है।

पहले दिन अनशन पर यूनियन अध्यक्ष मनोज कुमार, अतीक खान और पंकज मालिक बैठे हैं।

यूनियन ने प्रबंधन को दिया नोटिस

यूनियन ने प्रबंधन को आन्दोलन का नोटिस भेजा है। दिए गए पत्र में लिखा है कि यह बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है कि यूनियन की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रबंधन द्वारा श्रमिकों के उत्पीड़न और दमन की कार्यवाही लगातार जारी है। यूनियन के मांग पत्र दिनांक 09-12-2017 पर समझौता करने की जगह प्रबंधन ने लगातार गैर कानूनी कृत्यों और श्रमिक उत्पीड़न का सहारा लिया।

प्रबंधन द्वारा 9 श्रमिकों की गैरकानूनी गेटबंदी जारी है। 25 सितंबर 2019 से जारी यूनियन अध्यक्ष, महामंत्री, संघठन मंत्री सहित 8 श्रमिकों का गैरकानूनी लेऑफ जब अवैध घोषित हो गया तो 14 फरवरी 2020 से प्रबंधन ने गैर कानूनी रूप से कथित सेवा समाप्ति का ऐलान कर दिया। प्रबंधन 9 श्रमिकों का करीब 11 महीने से वेतन का भी भुगतान नहीं कर रहा है और यूनियन के मांग पत्र को भी लंबित बनाए हुए।

दूसरी ओर, प्रबंधन श्रमिकों को आंदोलन की ओर बढ़ने के लिए लगातार विवश करता रहा, जबकि यूनियन ने समाधान होने की उम्मीद के साथ 3 मार्च 2020 से होने वाले अपने आंदोलन को भी स्थगित कर दिया था। लेकिन प्रबंधन का मनमानापन जारी रहा और अभी भी है।

ऐसे में यूनियन एक बार फिर वैधानिक आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मजबूर हो रही है। इसकी शुरुआत के तौर पर श्रमिकों द्वारा कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए दिनांक 17/08/2020 से कंपनी परिसर के निकट क्रमिक अनशन की शुरुआत की जा रही है।

यदि फिर भी प्रबंधन का नकारात्मक रुख बना रहा तो ऐसे में आंदोलन को और आगे बढ़ाने के लिए हम मजबूर होंगे। इसी क्रम में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल व अन्य वैधानिक आंदोलनात्मक कदम भी उठाने की विवशता बन सकती है।

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