10 अगस्त को भी कई जगह हुआ अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन

महँगाई, बेरोजगारी व मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज़ बुलंद

केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा मज़दूर हक़ों पर बढ़ाते हमलों के ख़िलाफ़ 10 अगस्त को भी प्रदर्शन हुए। मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) की ओर से मज़दूर वर्ग के हक अधिकारों की माँग जो लेकर 9 जुलाई से शुरू हुआ मज़दूर संघर्ष अभियान के तहत 9 अगस्त को देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के ही क्रम में ये विरोध कार्यक्रम भी हुए।

ज्ञात हो कि केंद्र व राज्य सरकारें कोरोना की आड़ में मज़दूर वर्ग के अधिकारों पर हमला तेज कर दी हैं। मज़दूरों के श्रम क़ानूनी अधिकारों को खत्म कर रही हैं। जनता की गाढ़ी कमाई से खड़े किए गए सरकारी संस्थान जैसे रेल, हवाई अड्डे,  कोयला, तेल, दूर संचार, अस्पताल, स्कूल आदि का निजीकरण कर उन्हें ओने-पौने दामों में पूंजीपतियों के हवाले करने की गति तेज कर दी है।

इसके ख़िलाफ़ मासा ने निरंतर व जुझारू संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए यह अभियान लिया था।

राजस्थान

प्रदर्शन के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित

भादरा (हनुमानगढ़)। 10 अगस्त को भादरा में मासा व मनरेगा मज़दूर यूनियन हनुमानगढ़ ने गांव-गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाया व सैंकड़ों मनरेगा मज़दूरों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन एसडीएम भादरा के जरिए महामहिम राष्ट्रपति महोदय को भेजा गया।

मनरेगा में कार्य 100 से बढ़ाकर 200 दिन करने, सम्मान जनक जीवन यापन के न्यूनतम मज़दूरी 25000 रुपये महीना करने, निजीकरण पर रोक लगाने व ठेकाप्रथा खत्म करने, श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी बदलाव तुरंत निष्प्रभावी करने की मांग की गई। साथ ही महंगाई पर रोक लगाने पेट्रोल डीजल व रसोई गैस की कीमतें कम करने की भी माँग की गई।

उत्तराखंड

रामनगर तहसील में प्रदर्शन

रामनगर (नैनीताल)। दिनांक 9 व 10 अगस्त को इंकलाबी मजदूर केंद्र के बैनर तले मजदूरों ने केंद्र व राज्य सरकारों की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। 9 अगस्त को मालधन में तथा दिनांक 10 अगस्त को तहसील परिसर रामनगर में धरना दिया गया।

इस धरने में प्रगतिशील महिला केंद्र,  परिवर्तनकामी छात्र संगठन, रिचा श्रमिक संगठन और डेल्टा, कंपैक्ट एवं स्मार्ट श्रमिक संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

कर्नाटक

कई जगह हुए विरोध प्रदर्शन

मासा के आह्वान पर एक माह के मज़दूर संघर्ष अभियान और 9 अगस्त के अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन के क्रम में कर्नाटका श्रमिक शक्ति द्वारा 10 अगस्त को कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।

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