गुडगाँव : हीरो मोटोकॉर्प से कोरोना के बहाने 250 मज़दूरों की छंटनी

निकाले गए मज़दूरों ने कम्पनी गेट पर विरोध जताया

गुडगाँव। आपदा के बहाने मज़दूरों को निकालने का खेल तेज हो रहा है। दुनिया की प्रमुख 2-व्हीलर कम्पनी हीरो मोटोकॉर्प के गुडगाँव प्लांट में जून-जुलाई महीने में कोरोना के बहाने 15-20 सालों से कार्यरत करीब 250 ठेका मज़दूरों को काम से निकाल दिया गया है। इसके विरोध में मज़दूरों ने कम्पनी गेट पर विरोध जताया।

मज़दूरों ने हिसाब लेने से किया मना

22 मई को लॉक-डाउन की घोषणा के बाद कंपनी में काम बंद हो गया था, फिर दोबारा मई महीने में काम शुरू हुआ। काम शुरू होने पर कम्पनी द्वारा मज़दूरों को अलग अलग बैच में काम पर बुलाया गया। बुलाये गए मज़दूर जब कम्पनी गेट पर पहुंचे तब उनको बताया गया कि 14 दिन क्वारंटाइन में रह कर फिर काम पर आना है।

क्वारंटाइन के बाद मज़दूर जब दोबारा काम पर गए तब कम्पनी प्रबंधन ने उनको बोला कि ज़रूरत होने पर उनको काम पर बुलाया जायेगा। मगर उनको फिर ठेकेदार के जरिये चिट्ठी भेजी गयी कि बुलाने के वावजूद मज़दूर क्यूँ काम पर नहीं आ रहे है। इससे परेशान होकर मज़दूरों ने चिट्ठी के जवाब में स्पष्ट बताया की वे काम करने के लिए तैयार है।

तब कंपनी की तरफ से उनको सूचित किया गया की उनकी जगह नये मज़दूर भर्ती किये गए है। पुराने ठेका मज़दूर अपना हिसाब लेकर चले जाये। मगर मज़दूरों ने हिसाब लेने से मना कर दिया।

पुरानों को निकालकर नयी भर्ती

असल बात तो ये है कि प्लांट में इन मज़दूरों ने 15-20 साल से मुख्य उत्पादन में काम किया है। ऐसा भी मज़दूर है जिनकी जॉइनिंग 1999 की है। उनकी स्थायीकरण की मांग बनती है। कंपनी उनको हटाकर अभी 7 महीने के लिए नये ठेका मज़दूर भर्ती कर रहा है।

प्लांट में उत्पादन का कमी नहीं है। हर दिन 2-व्हीलर का उत्पादन 5 से 6 हज़ार के बीच हो रहा है। दिवाली के समय उत्पादन और भी ज्यादा होगा। मगर पुराने ठेका मज़दूरों को उनके स्थायीकरण का अधिकार व अन्य सुविधाओं से बंचित करके अब पिछले दो महीने में करीब 1000 नए ठेका मज़दूर भर्ती किये गये है, जिनमे से काफी लोगों की ITI डिग्री भी नहीं है।

निकाले गये कुछ मज़दूरों ने आज कंपनी गेट पर विरोध जताया। आनेवाले दिनों में मज़दूर संघर्ष के लिए तैयारी कर रहा है।

आपदा बना छंटनी का बहाना

उल्लेखनीय है कि गुडगाँव से नीमराना आद्योगिक क्षेत्र में अलग अलग कंपनियों में स्थायी और ठेका मज़दूरों को कोरोना संकट के बहाने काम से निकाल दिया गया है। रिको धारुहेरा में यूनियन के प्रधान सहित 118 स्थायी मज़दूरों को ले-ऑफ देकर बैठाया गया है। रिको मज़दूर पिछले 1 महीने से संघर्षरत है।

नीमराना में निसिन ब्रेक कंपनी में 40 ट्रेनी मज़दूर, जिनका स्थायीकरण होना था, उनको निकाल दिया गया है। मारुति, बेलसोनिका, डाईकिन सहित अनगिनत कंपनियों में ठेका व अन्य अस्थायी मज़दूरों को काम से निकाल दिया गया है। 9 अगस्त को कोरोना के बहाने छटनी व अन्य मांगों के साथ मज़दूर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे है।

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