डेल्टा कंपनी में 42 मज़दूरों का टेस्ट, 29 मज़दूर कोरोना पॉजिटिव

file foto

2 संक्रमित मिलने पर भी कम्पनी ने नहीं कराई थी जाँच, मज़दूरों ने किया काम बंद

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल, पंतनगर में डेल्टा इलेक्ट्रानिक्स में एकमुश्त 29 मज़दूरों के कोरोना संक्रमित मिलने पर मज़दूरों में दहशत का माहौल है। इससे पूर्व राकेट रिद्धि सिद्धि में एक के बाद एक 3 और ब्रिटानिया में एक और संक्रमण सहित कई कम्पनियों में मामले सामने आ चुके हैं।

2 मज़दूर संक्रमित, फिर भी होता रहा काम

हालत ये हैं कि डेल्टा में कुछ मज़दूर बीमार थे, लेकिन कम्पनी उनका टेस्ट करने की जगह काम कराती रही। काफी दबाव के बाद 2 मज़दूरों के टेस्ट हुए जो पॉजिटिव मिले, जिन्हें ज़िन्ज़र होटल में आइसोलेट किया गया। इसके बाद यूनियन ने दबाव बनाया कि सबक टेस्ट कराया जाए, लेकिन प्रबंधन नहीं माना।

प्रबंधन कहता रहा कि जो बीमार हैं, वे अपनी छुट्टी भरकर घर रहें। इससे मज़दूरों में नाराजगी और बढ़ गई।

मज़दूरों ने किया काम बंद, तब हुई जाँच

प्रबंधन के अड़ियलपन से नाराज मज़दूरों ने काम बंद कर दिया और अपने स्टेशन पर ही खड़े हो गए। इस दबाव में आनन-फानन में प्रबंधन ने महज 40 जाँच करवाई, जिसमे 27 मज़दूर पॉजिटिव निकले, जिन्हें रुद्रपुर के रुद्रा होटल में आइसोलेट किया गया है।

इसबीच यूनियन सभी 500 लोगों की जाँच का दबाव बनाए हुए है।

कम्पनी 72 घंटे के लिए सीज

स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेल्टा कंपनी को सीज करा दिया है और उसे कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया है। हालाँकि अगल-बगल की फैक्ट्रियां चल रही हैं, जहाँ दहशत व्याप्त है।

ख़बर के अनुसार 6 अगस्त को उधमसिंहनगर जनपद में कोरोना के 71  मरीज सामने आए है जिसमे से 27 मरीज पन्तनगर सिडकुल की डेल्टा फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक है। स्थिति यह है कि रुद्रपुर में एक अस्पताल में कोरोना मरीज मिलने के चलते अस्पताल को 72 घण्टे के लिये स्वास्थ्य विभाग ने सीज किया है वही रुद्रपुर के मेयर के पॉजिटिव मिलने से उनकी कॉलोनी को कंटेनमेंट क्षेत्र बना दिया गया है।

काम जारी मगर टेस्ट नहीं

पूरे औद्योगिक क्षेत्र में मज़दूरों से काम लगातार कराया जा रहा है, लेकिन मज़दूरों की कोई जाँच नहीं हो रही है। हिंदुस्तान यूनिलीवर, हरिद्वार में 200 से ज्यादा संक्रमित मिलने के बाद डेल्टा  यह बड़ा मामला सामने आया। कुछ कम्पनियों के प्लांट हेड की मौत तक की खबरें आ चुकी हैं। सच यह है कि यदि कम्पनियों में जाँच हो तो संक्रमण के मामले भारी पैमाने पर सामने आएँगे।

लेकिन मुनाफे की अंधी हवस में सभी जगह केवल काम पर जोर है, मज़दूरों के स्वास्थ्य से उन्हें या सरकार-प्रशासन को कोई लेने-देने नहीं है!

About Post Author