उत्तराखंड : आईटीसी व टाटा कंपनियों में भी कोरोना पॉजिटिव

आईटीसी में मज़दूरों ने भयवश काम किया बंद, प्रबंधन को दिया ज्ञापन

उत्तराखंड की हिंदुस्तान यूनिलीवर में सामूहिक कोरोना संक्रमण के दहशत के बीच हरिद्वार की आईटीसी और पंतनगर की टाटा, वीएचबी, बजाज, महिंद्रा, जेबीम, ब्रिटानिया आदि कम्पनियों में भी संक्रमण का मामले सामने आने से मज़दूरों में दहशत बढ़ गई है। आईटीसी के पर्सनल केयर यूनिट में मज़दूरों ने बगैर सुरक्षा काम करने से मना कर दिया और प्रबंधन को ज्ञापन दिया।

आईटीसी हरिद्वार के पर्सनल केयर प्लांट में शिफ्ट मैनेजर के पॉजिटिव मिलने के बावजूद प्लांट बंद ना होने से मज़दूरों में गुस्सा व्यप्त हुआ। उधर पंतनगर स्थित पैकेजिंग मैटेरियल बनाने वाली महालक्ष्मी पालीबैग में एक मज़दूर के संक्रमित मिलने से प्लांट का एक हिस्सा सील हुआ। वहीँ पंतनगर टाटा मोटर्स में भी एक मज़दूर संक्रमित मिला जिससे मज़दूरों में भय व्याप्त है।

मज़दूरों के लिए हालत लगातार कठिन होते जा रहे हैं, तमाम मामले दब जा रहे हैं और काफी दबाव के बाद प्रशासन प्रत्येक कम्पनी के महज 10 फ़ीसदी मज़दूरों के रैंडम टेस्ट का आदेश देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर चुका है।

स्थिति यह है कि बढ़ाते संक्रमण व लॉकडाउन के बावजूद कारखानों में पूरी क्षमता से उत्पादन जारी है। जबकि तमाम मामलों को दबा देने के बावजूद हरिद्वार की हिंदुस्तान यूनिलीवर में 300 से ज्यादे संक्रमण के मामलों के साथ एंकर में, महिंद्रा एंड महिंद्रा में, ब्रिटानिया में, बजाज, थाई सुमित (जेबीएम) में भी संक्रमित मज़दूर मिलने की ख़बर आ चुकी है

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आईटीसी में संक्रमण का मामला

आईटीसी कम्पनी के तीन में से एक पर्सनल केयर प्लांट में एक शिफ्ट इंचार्ज की तबियत सोमवार को दोपहर में खराब हुई थी, जिसको मेट्रो हॉस्पिटल सिडकुल में भर्ती कराया गया। रेपिड टेस्ट में वह कोरोना पॉजिटिव निकला। मज़दूरों के अनुसार उसके बाद भी मैनेजमेंट ने कर्मचारियों के सुरक्षा के लिए सही तरीके से उपाय नहीं किये।

यूनियनों ने किया विरोध

आईटीसी मज़दूर यूनियन ने मैनेजमेंट को प्लांट बंद कर सेनीटाइज करने को कहा लेकिन फिर भी रात्रि पाली में कर्मचारियों को प्रोडक्शन में लगाया गया। इससे आक्रोशित मज़दूरों ने दूसरे दिन सुबह की शिफ्ट में यूनियन के साथ कार्य बहिष्कार किया और कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग की।

आईटीसी मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार, महामंत्री रमेश बिष्ट, संगठन मंत्री महेंद्र राणा ने कंपनी प्रबंधन के समक्ष श्रमिकों में व्याप्त भय के माहौल के मुद्दे को रखा तथा तुरंत ही कोरोना पॉजिटिव शिफ्ट इंचार्ज के संपर्क में आए कर्मचारियों के टेस्ट को करने, प्लांट में फोगिंग करने, कुछ अस्वस्थ चल रहे कर्मचारियों के टेस्ट सर्वप्रथम करने, कर्मचारियों के होम क़ुरएन्टिन करने , सोशल डिस्तेंसिंग का कड़ाई से पालन करने तथा सभी कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने आदि मुद्दों पर बात की और जिला प्रशासन को भी अवगत कराया।

इस दौरान प्लांट को सैनिटाइज करने व सुरक्षा आदि की माँग के साथ काम करने से मन कर दिया और एक शिफ्ट प्लांट बंद रहा, बाद में कार्य शुरू हुआ।

दूसरी ओर फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी, हरिद्वार द्वारा प्रबन्धन को दिए गए ज्ञापन में लिखा है कि वर्तमान समय में हिंदुस्तान युनिलीवर में काफी मज़दूर साथी पॉजिटिव पाए गए थे। कल दिनांक 21 जुलाई 2020 को आईटीसी में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिसके कारण मजदूरों में भय का माहौल व्याप्त है। मशीनों का कतिपय जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के तहत काम करना भी संभव नहीं है ना ही सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम है।

यूनियन द्वारा फैक्ट्री मैनेजर को दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि-

  1. सभी मज़दूरों का 50 लाख का बीमा कराया जाए।
  2. यदि कोई मज़दूर संक्रमित पाया जाता है तो उसके व उसके परिवार का इलाज का खर्चा कंपनी वहान करे।
  3. सभी मज़दूरों को फेश शील्ड व उच्च गुणवत्ता के मास्क मुहैया करवाए जाएं तथा कार्यस्थल पर तापमान इस तरीके से रखा जाए जिससे मास्क व फेश शील्ड पहन कर काम करने में दिक्कत ना हो।
  4. प्लांट सेनीटाइज प्रत्येक शिफ्ट के अंत में किया जाए तथा शिफ्टों में 1 घंटे का अंतराल रखा जाए, जिससे मज़दूर एक दूसरे से संपर्क में ना आ सके ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।
  5. कैंटीन में पोस्टिक आहार दिया जाए तथा काढ़ा व फल वितरित किए जाएं तथा का बहाना बनाकर आपके द्वारा सलाद व दही बंद किया गया है उसे यथाशीघ्र शुरू किया जाए।
  6. वर्तमान समय में जो मज़दूर साथी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए हैं तथा जिनको प्रशासन द्वारा कांटेंमेंट जोन में रखा गया है उनकी जांच कंपनी निशुल्क करें ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

ज्ञात हो कि हरिद्वार में आईटीसी के तीन प्लांट हैं और 6 यूनियनें हैं। आज के कठिन समय में सभी यूनियनों को एक साथ आने की ज़रुरत है। हालांकि यूनियनों ने अपना मोर्चा भी बनाया है, लेकिन मोर्चा भी दो है। ज़रुरत है कि मज़दूर हित में सभी एक प्लेटफार्म पर आकर संघर्ष को गति दें।

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