लखनऊ: झुग्गी पर कब्जा कर बनाया BJP दफ़्तर
पुलिस ने पीड़ितों पर ही कार्रवाई की
लखनऊ के हरदासी खेड़ा में गरीब मुन्नी देवी की झुगी पर कब्जा करके उसे भाजपा का ऑफिस बना दिया गया। मुन्नी देवी ने झुग्गी पर कब्जा करने का विरोध किया। उसने पुलिस को भी इस बाबत सूचित किया गया लेकिन पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। उल्टे भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह के इशारे पर पीड़ित परिवार को ही प्रताड़ित कर रही है। पुलिस ने पीड़ित परिवार के खिलाफ शांति भंग का मामला दर्ज कर उन्हें लॉकअप में बंद रखा और बाद में चालान भी कर दिया। हलांकि लोगों के विरोध के बाद थाने से ही सभी को निजी मुचलके पर छोड़ना पड़ा।
योगी राज में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे है। उत्तर प्रदेश में हर रोज इन तबकों पर दमन की घटनाएं सामने आ जाती हैं। ताजा मामला लखनऊ का है जहां मुख्यमंत्री के नाक के नीचे हरदासी खेड़ा में गरीब मुन्नी देवी की झुगी पर कब्जा करके उसे भाजपा का ऑफिस बना दिया गया। मुन्नी देवी ने झुग्गी पर कब्जा करने का विरोध किया। उसने पुलिस को भी इस बाबत सूचित किया, लेकिन पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। आरोप है कि भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह के इशारे पर पुलिस पीड़ित परिवार को ही प्रताड़ित कर रही है। पुलिस ने पीड़ित परिवार के खिलाफ शांति भंग का मामला दर्ज कर उन्हें लॉकअप में बंद रखा और बाद में चालान भी कर दिया। हलांकि लोगों के विरोध के बाद थाने से ही सभी को निजी मुचलके पर छोड़ना पड़ा।
भाकपा (माले) के लखनऊ प्रभारी और पार्टी की राज्य स्थाई समिति के सदस्य रमेश सिंह सेंगर ने बताया कि लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के ग्राम हर दासी खेड़ा की बंजर की जमीन पर 15-20 वर्षों से कच्ची- पक्की झोपड़ियां बना कर रह रहे दलित और अति पिछड़ी जाति के मजदूरों को उजाड़ कर भाजपा से जुड़े भूमाफिया और अपराधियों का गठजोड़ थाना चिनहट पुलिस से सांठ-गांठ करके कब्जा करने पर आमादा है। भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह इसके लिए पैसा पानी की तरह बहा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिनांक 15 जून को भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह, कमल यादव, गौतम कुमार राजपूत की अगुवाई में मजदूर बस्ती में रहने वाली मुन्नी देवी की अनुपस्थिति में उनके पति जगदीश को डरा धमका कर उनकी झोपड़ी को उजाड़ कर वहाँ भाजपा कार्यालय बनाने के लिए सभा की गई। जिसमें शासन-प्रशासन के निर्देशों और कोरोना महामारी के खतरों से बचाव के सारे मापदंडों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए करीब 50-60 भाजपाई कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा किया गया।
रमेश सिंह सेंगर ने बताया कि भाकपा माले की नेता और स्थानीय कमेटी की सचिव मंजू गौतम द्वारा थाना चिनहट पुलिस को सूचना देकर स्थिति से अवगत कराने के बाद भी न पुलिस मौके पर पहुंची और न ही गैर कानूनी आयोजन पर रोक लगाई। उन्होंने बताया कि उसी दिन देर रात जब मुन्नी देवी ने आकर अपनी झोपड़ी में भाजपा के झंडे, बैनर और पोस्टर लगे देखा तो वह आग बबूला होकर अपने पति को खूब खरी खोटी सुनाई और अपने नाबालिग पुत्र के साथ मिलकर तीनों ने सारे झंडे, बैनर और पोस्टर निकाल दिया।
दूसरे दिन सुबह इसकी सूचना मिलने पर भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह के निर्देश पर कमल यादव और गौतम कुमार राजपूत मोटर साइकिल से आये और लाशें बिछा देने तथा बस्ती फूंक देने की धमकी देकर चले गए। मुन्नी देवी ने घटना की लिखित तहरीर थाना चिनहट में दी लेकिन थाना चिनहट पुलिस ने कानून की धज्जियां उड़ाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय फोर्स भेजकर पीड़िता की बहू मीनू, समधिन नीलू और पड़ोसी मीना को बस्ती से गिरफ्तार कर थाने के लॉकअप में बन्द कर दिया और शांति भंग की एकतरफा कार्यवाही करते हुए उनका चालान कर दिया। हालांकि लोगों के विरोध के बाद परिजनों को निजी मुचलके पर छोड़ना पड़ा। वहीँ दूसरी तरफ थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज, भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह और कमल यादव, गौतम कुमार राजपूत आदि के साथ बैठकर मजदूरों के दमन की योजना बनाते रहे।
माले नेता ने बताया कि पुलिस लगातार मजदूर बस्ती में छापेमारी कर रही है और 70 वर्षीय जगत राम, मंजू गौतम के बड़े भाई जो घटना के दो दिन पहले बहराइच के अपने गाँव में पिता की तेरहवीं की तैयारी में गये हुए थे, समेत कई लोगों को देशद्रोह के आरोप में जेल भेजने की धमकी दे रही है। रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि कमल यादव एक शातिर दिमाग का अपराधी है और सन् 2014 में सपा से जुड़े भूमाफियाओं के इशारे पर आपराधिक कार्यवाहियां संचालित करता था। उसी समय उसने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मंजू गौतम की छोटी बहन भानु मती के ऊपर जान लेना हमला किया था जिसका मुकदमा स्पेशल जज (एस सी/एस टी एक्ट) लखनऊ के यहाँ चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह भूमाफिया-अपराधी गिरोह मंजू गौतम, उनके परिवार, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ कभी भी जान माल का खतरा पैदा कर सकता हैं।
मीडिया विजिल से साभार