कच्चा तेल सस्ता, लेकिन रोज बढ़ते पेट्रोल के दाम

दुनिया मे आज सबसे ज्यादा पेट्रोल डीजल पर टैक्स चुका रहा है भारत का आम आदमी…

दुनिया में कच्चे तेल की कीमत लगातार नीचे बनी हुई है, यहाँ तक कि शून्य से नीचे भी चली गई थी, फिर भी भारत में डीजल-पेट्रोल रोज महँगा होता जा रहा है! इस खेल पर वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक गिरीश मालवीय की टिप्पणी…

तेल पर लगने वाले टैक्स और वैट को देंखे तो भारत में यह करीब 69 फीसदी लग रहा है। वहीं, अमेरिका में 19 फीसदी, जापान में 47 फीसदी , ब्रिटेन में 62 फीसदी, फ्रांस में 63 फीसदी और जर्मनी में 65 फीसदी टैक्स और वैट लगता है। ….यानी टैक्स के नाम पर तो सभी विकसित देशों को भी पीछे छोड़ चुका है भारत! ….. और यदि इस कोरोना काल मे भारत की जनता को अमेरिका जर्मनी जैसा आर्थिक आर्थिक पैकेज देने की बात की जाती है तो कह दिया जाता है कि वे तो विकसित देश हम उनके जैसा खातों में डायरेक्ट पैसा नही दे सकते!…

देश में पिछले नौ दिनों में पेट्रोल 5 रुपये और डीजल 5.26 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। जबकि आठ दिनों में कच्चा तेल आठ फीसदी सस्ता होकर 38.73 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76.26 रुपये प्रति लीटर है, अब यदि मान लीजिए कि यह कच्चा तेल जो आज 38 के लगभग है ये यदि 60 के आसपास चला जाए तो हमारा क्या हाल होगा?….

29 नवंबर 2018 को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का भाव 73.24 रुपये प्रति लीटर था. तब इंटरनेशनल लेवल पर WTI क्रूड 56.23 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 63.31 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था!

तो आप स्वयं समझिए कि दाम बढ़ते हैं तो जनता कितना लुटेगी! …जबकि कुछ महीने पहले कच्चा तेल 70 फीसदी तक सस्ता होने पर उत्पाद शुल्क 10 रुपये बढ़ा दिया गया था साफ है कि जनता को हर तरह से त्रस्त करने की पूरी तैयारी है!…..

उसके बावजूद हमारा न्यूज़ चैनल मीडिया मोदी सरकार की इन कारगुजारियों के बारे में कोई खबर बताने को तैयार नही है!….

गिरीश मालवीय की वाल से

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