‘लाल सलाम’ ‘कॉमरेड’ और ‘लेनिन’ लिखना बन गया अपराध !

असम के गिरफ्तार किसान नेता के आरोपपत्र में दर्जकर भाजपा ने जताई मंशा, लोगों ने जताया विरोध

लो, अब इस देश में ‘लाल सलाम’, कॉमरेड और ‘लेनिन’ लिखना भी अपराध की श्रेणी में आ गया! इस कुनीति की देश-दुनिया में खिल्ली उड़ रही है और लोग सोशल साईट पर कॉमरेड लेनिन की तस्वीर लगाकर विरोध कर रहे हैं।

दरअसल, दमनकारी भाजपा सरकार किस हदतक विरोधियों से निपट रही है, उसकी एक बानगी असम के आन्दोलनकारियों के आरोप पत्र से सामने आया है।

अंग्रेज़ी अख़बारइंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार एनआईए ने पिछले साल दिसंबर में असम में सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान आन्दोलनकारियों की गिरफ़्तारियाँ की थीं। उसी क्रम में कुछ समूहों के खिलाफ़ आरोपपत्र दायर किया है।

इस चार्जशीट में एनआईए ने लिखा है कि एक प्रदर्शनकारी ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में ‘कॉमरेड’ और ‘लाल सलाम’ जैसे शब्द लिखे थे।

29 मई को फ़ाइल की गई इस 40 पन्नों की चार्जशीट में एनआईए ने लिखा है, “बिट्टू सोनोवाल ने अपने दोस्तों को ‘कॉमरेड’ और ‘लाल सलाम’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। एक फ़ेसबुक पोस्ट में उसने लेनिन की तस्वीर लगाई है और लिखा है- पूंजीवाद हमें जो रस्सी बेचेगा हम उसी रस्सी से उसका गला घोंटेंगे।”

बिट्टू सोनोवाल असम की कृषक मुक्ति संग्राम समिति के प्रमुख एक्टिविस्ट अखिल गोगोई के क़रीबी सहयोगी हैं। कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने पिछले साल दिसंबर में सीएए के ख़िलाफ़ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था।

साफ़ है कि कोविड-19 महामारी से निपटने की जगह सत्ताधारी भाजपा विरोधियों से निपट रही है और मज़दूर वर्ग के प्रतीकों से भी डरी और घबडाई हुई है।

ज्ञात हो कि लेनिन मज़दूर वर्ग के महान शिक्षक व नेता रहे हैं, जिनके नेतृत्व में रूस में क्रांति हुई थी और मज़दूर वर्ग की सत्ता स्थापित हुई थी। ‘कॉमरेड’ का अर्थ दोस्त होता है और मज़दूर व मज़दूर पक्षधर शक्तियां पूरी दुनिया में इसका इस्तेमाल करती हैं। ‘लाल सलाम’ मज़दूर वर्ग की आपसी गर्मजोशी का प्रतिक शब्द है।

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