उत्तरप्रदेश में हड़ताल पर 6 माह तक प्रतिबन्ध

योगी सरकार ने कर्मचारी विरोधी एक और फरमान जारी किया

एक तरफ पूरे देश में मज़दूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हो रहा है, दूसरी ओर उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने एक और खतरनाक फरमान जारी करते हुए राज्य में सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल-प्रदर्शन पर 6 माह की रोक लगा दी है। योगी सरकार की निरंकुशता चरम पर है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल द्वारा 21 मई को जारी अधिसूचना द्वारा राज्य सरकार के समस्त लोक सेवा, समस्त सरकारी विभागों, निगमों, प्राधिकरण में हड़ताल पर 6 माह की रोक लगा दी गई है।

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 की धारा 3 की उप धारा (1) के अधीन शक्तियों का इस्तेमाल करके यह फरमान जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के बहाने मज़दूरों-कर्मचारियों के अधिकारों पर लगातार हमला बोल रही है। राज्य के श्रम कानूनों को 3 साल के लिए निलंबित करने का फरमान जारी कर चुकी है। अभी यह केंद्र की स्वीकृत के लिए लंबित है।

योगी सरकार ने काम के घंटे 12 करने का भी आदेश दिया था, लेकिन हाई कोर्ट में याचिका को देखते हुए फ़िलहाल उसने यह क़दम वापस ले लिया, लेकिन उसका हमला लगातार जारी है।

केंद्र की मोदी सरकार से लेकर योगी सहित तमाम राज्य सरकारें मालिकों की हित में तेजी से बढ़ रही हैं और सत्ता की निरंकुशता चरम पर है।

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