आंध्र प्रदेश: केमिकल प्लांट से गैस लीक, 8 की मौत, सैकड़ों लोग बीमार

मल्टीनेशनल एलजी पॉलिमर इंडिया के प्लांट से आधी रात गैस लीक से हाहाकार

विशाखापटनम स्थित मल्टीनेशनल केमिकल प्लांट में गैस लीक होने से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है. चारों तरफ़ अफरातफरी का माहौल है. 200 लोग इस हादसे से बीमार हुए हैं. जब गैस लीक हुई तो लोग सोए हुए थे. लोगों को इलाज के लिए भेजा जा रहा है. 86 लोग वेंटिलेटर्स पर. गैस के 5 किलोमीटर दायरे में फैलने का अनुमान है.

आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम जिले के गांव आरआर वेंकटपुरम में एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कैमिकल गैस प्लांट से स्टाइरिन गैस लीक होने से पास के निवासियों की आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई होने लगी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. एएनआई ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही एंबुलेंस, दमकल और पुलिसकर्मी केमिकल प्लांट में मौके पर पहुंच गए.

ज्ञात हो कि 1961 में बना यह प्लांट हिंदुस्तान पॉलिमर्स का था जिसका 1997 में दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी ने अधिग्रहण कर लिया था. तबसे यह केमिकल प्लांट एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का है.

ज़िला अधिकारी विनय चांद ने मीडिया से कहा है कि विजाग के पुलिस कमिश्नर आरके मीना ने बीबीसी तेलुगू को बताया है कि तीन लोगों की मौत प्लांट के पास हुई और पाँच की मौत किंग जॉर्ज अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. अब तक गैस रिसाव शुरू होने की वजह पता नहीं चली है. प्लांट के मैनेजमेंट के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.

पुलिस ने आसपास के पाँच गाँवों को ख़ाली करा दिया है और उन्हें मेघाद्री गेड्डा और दूसरे सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है. कइयों ने आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ़ होने की शिकायत की है. ख़ासकर बुज़ुर्गों और छोटे बच्चों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री गौतम रेड़्डी ने बीबीसी तेलुगू से बातचीत में कहा है कि यह साढ़े तीन बजे सुबह की घटना है. उन्होंने कहा, “फैक्ट्री लॉकडाउन के बाद खुला था. कामगार फैक्ट्री खोलने की तैयारी कर रहे थे जब यह दुर्घटना हुई. वाक़ई में क्या हुआ था, यह हम समझने की कोशिश में लगे हुए हैं. पहली नज़र में तो यह लग रहा है कि कंपनी के मैनेजमेंट नियमों का पालन नहीं किया है.”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार ने लॉकडाउन के बाद फैक्ट्रियों ख़ासकर हानिकारक उत्पादों वालों को खोलने को लेकर गाइडलाइन्स जारी किए हुए हैं. अगर कंपनी इन गाइडलाइन्स का पालन नहीं करने की दोषी पाई जाती है, तो उसके ख़िलाफ़ सख्त क़दम उठाए जाएंगे. अभी हम दूसरे पॉलिमर का इस्तेमाल इस पर नियंत्रण पाने के लिए कर रहे हैं. अब तक 90-95 प्रतिशत रिसाव को नियंत्रित कर लिया गया है. अगले एक घंटे में इस पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा. गैस का रिसाव एक किलोमीटर तक हुआ है. जब यह दुर्घटना हुई थी तब उस वक़्त फैक्ट्री के अंदर कर्मचारी मौजूद थे. उनसे जुड़ी कोई जानकारी अभी हमें नहीं मिली है. हम इन बातों को जानने का प्रयास कर रहे हैं कि जिन लोगों ने सांस के साथ गैस अंदर ले लिया है, उसका लंबे वक़्त के बाद क्या असर पड़ने वाला है.”

गैस लीक

ज़िलाधिकारी ने बताया है कि यह दुर्घटना तब हुई जब लॉकडाउन के बाद फिर से प्लांट में काम शुरू किया गया. उन्होंने बताया, “गैस के रिसाव को रोकने के शुरुआती प्रयासों में कोई सफलता नहीं मिली है. अभी इसे नियंत्रित करने में दो घंटे और लगेंगे.”

घटना स्थल पर पुलिस और दमकल की गाड़ियां पहुँच चुकी हैं.

विशाखापतनम

पीड़ितों को अस्पताल ले जाने के लिए 50 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं. अब तक किंग जॉर्ज अस्पताल में 15 लोगों को भर्ती कराया गया है.

शुरू में किसी को कुछ पता नहीं चला लेकिन धीरे-धीरे गैस का असर तेज़ होना शुरू हुआ. गैस के तीन से पांच किलोमीटर तक फैलने का अनुमान है.

मिडिया रिपोर्ट्स पर आधारित

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