मारुति मज़दूरों पर दबंगों का फिर हमला

प्रशासन-प्रबंधन मज़दूरों की सुरक्षा देने को क्यों नहीं हो रहा तैयार?

गुडगाँव। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच मारुति के ट्रेनी मज़दूर पर एक और हमले की घटना सामने आई है। मारुति गुडगाँव प्लांट से सूखा राशन लेकर लौट रहे मुल्लाहेड़ा में मज़दूरों पर दबंगों ने लाठी-डंडों से हमला बोलकर घायल कर दिया। इससे बाहर से आकर रह रहे मज़दूरों में दहशत व्याप्त है।

ज्ञात हो कि विगत 8 अप्रैल को आईएमटी मानेसर के अलियरपुर गाँव में बीजीआर बिल्डिंग में घुसकर मारुति मानेसर के ट्रेनी मज़दूरों सहित तमाम मज़दूरों की गांव के दबंगों ने हॉकी, लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई की है। इनमे से गंभीर स्थिति में किशन को गुड़गांव रेफ़र किया गया था।

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आज फिर मारुति के मज़दूरों के ऊपर मुल्लाहेड़ा के दबंगों का हमला हुआ।

ख़बर के अनुसार गुड़गांव प्लांट की मारुति मैनेजमेंट ने मुल्लाहेड़ा में रह रहे मारुति स्टूडेंट ट्रेनी मज़दूरों को सूखा राशन लेने के लिए गुड़गांव प्लांट में बुलाया था। जब मारुति मज़दूर सूखा राशन लेकर वापिस मुल्लाहेड़ा में जा रहे थे, तो गांव के दबंगों ने मज़दूरों के ऊपर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया, जिसमें मारुति के कई मज़दूरों को चोट आई।

इस पूरी घटना के जिम्मेदार मारुति मैनेजमेंट और गुडगांव प्रशासन है। क्योंकि गुडगांव प्रशासन ने गांव के लोगों को यह छूट दे रखी है और हर चौक के ऊपर गांव के दबंगों को खड़ा कर रखा है। ये अपनी मनमानी चलाते हैं और अपने स्वार्थ के लिए गरीब जनता के ऊपर दमन करते हैं।

दूसरी ओर मारुति मैनेजमेंट ने पिछली घटना से भी कोई सबक नहीं निकला। उक्त घटना के बावजूद वह अपने मज़दूरों को सूखा राशन के लिए कंपनी में बुलाती है। सवाल यह है कि मैनेजमेंट अपने मजदूरों के अकाउंट में पैसे क्यों नहीं डाल रही है? या अपने मज़दूरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी क्यों नहीं ले रही है?

इस तरह की घटनाओं के बारे में क्षेत्र के मज़दूरों को मिलकर कोई ठोस कदम लेना होगा, नहीं तो हर रोज मजदूर पीटता रहेगा। साथ ही गुड़गांव की सभी यूनियनों को एक साथ आकर कोई ठोस कदम लेना चाहिए, ताकि आगे से ऐसी कोई घटना ना घटे।

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