संकट में फँसे प्रवासी मज़दूरों के लिए हेल्पलाइन

साथी हाथ बढ़ाना : देशव्यापी लॉकडॉउन में फँसे प्रवासी श्रमिकों की सहायता/सहयोग का एक सामूहिक प्रयास

देशभर में लॉक डाउन घोषित होने के बाद इस त्रासदी का सबसे भयानक असर उन मज़दूरों पर हुआ है जो अपने राज्य से दूर दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी की तलाश में रह रहे हैं। देशभर में लॉकडॉउन का सबसे बुरा असर प्रवासी मज़दूरो पर पड़ रहा है, काम बन्द हो जाने के बाद उनके लिए शहरों में रहने खाने और स्वास्थ्य सुविधा का जुगाड़ कर पाना असम्भव हो गया।

हमारी सरकारें उनके लिए स्वास्थ्य और सम्मानजनक ज़िन्दगी का बंदोबस्त कर पाने में विफल रही हैं। ना ही ट्रेन-बस का इंतज़ाम किया गया है कि वे अपने राज्य वापस लौट पाएं। पैदल अपने गाँव लौट रहे लाखों महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की तस्वीरें देशवासियों के सामने मीडिया के जरिए आई है।

कई ऐसी घटनाएं सामने आई है जहाँ पुलिस उनपर क्रूरता के साथ लाठी चला रही है। पिछले तीन दिनों में घर वापस लौट रहे मजदूरों में 21 से ज्यादा मज़दूरों की विभिन्न दुर्घटनाओं में मौत हो गई है (पूरे भारत में कल तक 32 व्यक्तियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो चुकी है)।

29 मार्च की सरकारी घोषणा के बाद अब ऐसे मज़दूर दूसरे राज्य में पैदल भी नहीं जा सकते हैं। सरकारी घोषणा के अनुसार जो जहाँ है वहीं उसके रहने खाने का बंदोबस्त किया जाएगा। लेकिन यह घोषणा ज़मीनी स्तर पर कैसे लागू होगी, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं है।

प्रवासी मज़दूर कोई कीटाणु या वायरस नहीं है!

सुरक्षा व सहायता के लिए भटक रहे प्रवासी मज़दूरों के खान-पान और आवास की जिम्मेदारी से आँख चुराकर उनपर कीटनाशक छिड़कना इस सभ्यता पर कलंक है। टीवी-शो और चुनावी राजनीति की चर्चा से बाहर किए जाने के बावजूद भी हमारा शहर और ये दुनिया उनके मेहनत और शोषण के दम पर चलती है। ऐसे में यह देशव्यापी लॉकडॉउन में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी करने का एक प्रयास है। इस मेसेज को फॉरवर्ड करते रहिए ताकि उन साथियों तक पहुँचे जो ज़रूरतमंद है।

ज़रूरतमंद साथी निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं :

  • उत्तम (हिन्दी/भोजपुरी): 9572293823
  • सुमित (हिन्दी/राजस्थानी/पंजाबी): 8302997292
  • खुशीराम (हरियाणवी/हिन्दी): 9911258717
  • मुकुल (हिन्दी): 9412969989
  • राशी (छत्तीसगढ़ी/हिन्दी): 8375816107
  • हसन (बंगाली/हिन्दी – बेंगलोर): 8637045077
  • कुशल (बंगाली): 9674623375
  • श्रेया (बंगाली): 7044195482
  • जयदीप (बंगाली): 8346875177
  • छेवाङ (नेपाली/हिन्दी): 9593861106
  • सुनील (तेलुगु/हिन्दी): 9445419894
  • अरुनाभ (असमिया) – 7002386079
  • बिदिशा (असमिया) 7664076403
  • शांतिस्निग्धा (ओड़िया) 6371211734
  • विक्रम (ओड़िया, कन्नड़, बंगाली, हिंदी) 9019215142

प्राथमिक सहयोग के तौर पर हम यह कर सकते हैं-

इस विपदा की स्थिति में हम प्रवासी मज़दूरों के साथ खड़े हो सके, इस उद्देश्य से हम ये हेल्पलाइन नंबर जारी कर रहे है। हमारे साधन सीमित हैं, लेकिन साथियों के सहयोग से असंभव काम को भी सम्भव बनाया जा सकता है।

हमारे देश के किस राज्य में कितने प्रवासी मज़दूर फंसे हुए है? सरकार की घोषणा के बावजूद कितने लोगों को राशन पानी और आर्थिक मदद मिली है? इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी किसी के पास उपलब्ध नहीं है और ना ही सरकार के पास कोई आंकड़ा है। इसका कारण स्पष्ट है कि प्रवासी मज़दूरों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए किसी भी सरकार ने प्रयास नही किया है। ऐसी हालत में आप और हम मिलकर निम्नलिखित योगदान कर सकते है:

  1. रहने के लिए आश्रय स्थल और न्यूनतम खाद्य-सामग्री का बंदोबस्त कर रहे सरकारी/गैरसरकारी संगठनों से सम्बंधित जानकारी अदान प्रदान करना और जितना संभव हो श्रमिकों को यह सहायता उपलब्ध कराने की कोशिश करना।
  2. डॉक्टर साथी इस मेडिकल इमरजेंसी में मज़दूरों का सहयोग कर सकते है और ज़रूरी दवाई, सेनेटरी पैड इत्यादि के बंदोबस्त का प्रयास कर सकते है।
  3. प्रवासी मज़दूरों तक उनके राज्यों से जारी हेल्पलाइन नंबर या ज़रूरी सूचना पहुँचाना अथवा वहाँ के स्थानीय प्रशासन से संपर्क करवाने की कोशिश करना।
  4. केंद्र सरकार के आदेश दिनांक 29.03.2020  के अनुसार सभी मज़दूरों को लॉकडाउन अवधि का वेतन देना अनिवार्य है एवं उनकी छंटनी भी गैरकानूनी है। कोई मकान मालिक इस महीने का किराया नहीं वसूल सकता है। जो मज़दूर अपने घरों के लिए निकल रहे है, उनके रहने की व्यवस्था वहीं की जाए। जहाँ इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है, हम वहां के सरकारी अधिकारियों के साथ संपर्क कर, इसको लागू करने का प्रयास कर सकते है।
  5. प्रवासी मज़दूरों पर कहीं भी अन्याय होने पर उसके खिलाफ़ आवाज़ उठाये और सरकार को कार्यवाही करने पर मजबूर करें।

सहयोग करने वाले साथी हेल्पलाइन का हिस्सा बनें

प्रवासी श्रमिकों के सहयोग के इस सामूहिक प्रयास को आगे बढ़ाने में अगर कोई साथी भाग लेना चाहे, किसी मज़दूर साथी के ज़रूरतों पर जानकारी देना चाहे, राहत सम्बंधित सूचना प्रदान कर सके या किसी अन्य तरीके की सहायता करना चाहे तो वह इन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं:

  • पराग: 9013472380
  • रातुल: 9804491579

माइग्रेंट वर्कर सॉलिडेरिटी

  • fb.com/MigrantSolidarity
  • twitter.com/migrant_IN

30/03/2020

इस मैसेज को फॉरवर्ड करते रहिये ताकि उन साथियों तक पहुँचे, जिनको ज़रूरत है!

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