झांसी मेडिकल कॉलेज : नर्सिंग स्टाफ को 7 माह से नहीं मिली सैलरी

कोरोना वायरस के प्रभाव के बावजूद लगातार करना पड़ रहा है काम

झांसी। एक तरफ तो सरकार कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए लाॅकडाउन करके और आर्थिक पैकेज की घोषणा करके देश विदेश में वाहवाही लूट रही है, दूसरी ओर मेडिकल स्टाफ को उनका बेसिक मानदेय तक नहीं दे रही है। अमीरों को तो आर्थिक पैकेज का फायदा मिल जा रहा है, जबकि गरीबों पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ रही है। झांसी में रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नर्सों को 7 माह से सैलरी नहीं मिली है। गुस्साए नर्सिंग स्टाफ ने 27 मार्च को कार्य बहिष्कार कर दिया है।


आंदोलनरत कर्मियों का कहना है- सैलरी नहीं मिलने से परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। एक तरफ जहां जनपद कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन है, वहीं कर्मियों का कार्य बहिष्कार करना, स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि बजट अभाव के कारण ये समस्या पैदा हुई है।


नर्स रचना 7 महीने से गर्भवती हैं। उन्होंने कहा- मैं ऐसी अवस्था में भी ड्यूटी कर रही हूं। बीते 7 महीने से बजट का हवाला देते हुए हमें सैलरी नहीं दी गई। हम अपना और अपने परिवार का ख्याल कैसे रखें? वहीं, उमर फारूक का कहना है कि हम सब कोरोनावायरस की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। लेकिन मेडिकल कॉलेज में जितना भी नर्सिंग का स्टाफ काम कर रहा है, वह कर्जे में डूबा है। उसके घर समय से राशन नहीं पहुंच पा रहा है।


कमोबेश, सभी नर्सिंग स्टाफ के पास अपने ऐसे की तर्क हैं। कहा – देश में लॉकडाउन है और हमारे पास पैसे नहीं है। ऐसे में घर का राशन कैसे रखें ? मालूम हो कि कोरोना वायरस को लेकर मेडिकल कॉलेजों में टीमें गठित की गई हैं। झांसी में अभी तक नर्सिंग स्टाफ को सैनिटाइजर नहीं दिए गए। वे अपने पैसों से खरीद कर मेडिकल कॉलेज लेकर जाते हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन इन सब का कारण बजट का अभाव बताता है। बाद में जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ ने आंदोलन समाप्त कर दिया।

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