उत्साह से मना मारुति यूनियन का स्थापना दिवस

नेताओं ने अपने संघर्ष को याद करते हुए कहा कि मजदूर वर्ग को हमेशा जनता के संघर्ष के साथ खड़ा होना चाहिए और दंगों का प्रतिरोध करना चाहिए

मानेसर (गुडगाँव), 2 मार्च। आज मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन का नौवां स्थापना बड़ी धूमधाम से मनाया गया। 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी मजदूरों का उत्साह देखने लायक था। सभा में मारुति सुजुकी मजदूर संघ के अलावा अन्य ट्रेड यूनियनों व संगठनों ने भी भागीदारी की। 1 मार्च को यूनियन का स्थापना दिवस था लेकिन रविवार होने के कारण सभा का आयोजन 2 मार्च सोमवार को किया गया।

यूनियन के सदस्यों ने मारुति उद्योग कामगार यूनियन, मारुति सुजुकी पावरट्रेन यूनियन, बेलसोनिका ऑटोमोटिव एंप्लाइज यूनियन व प्रोविजनल वर्किंग कमिटी के लोगों को फूल माला का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया और साथ में कहा कि प्रोविजनल कमेटी की बदौलत ही हम जेल में बंद अपने साथियों की मदद कर पाए हैं। उन्हीं की बदौलत आज मजदूर वर्ग मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन के इतिहास से रूबरू है।

यूनियन के अध्यक्ष श्री अजमेर सिंह ने अपनी यूनियन का इतिहास बताते हुए सभी मजदूरों से अपील की कि हमें लाल झंडे की इस धरोहर को हमेशा आगे ले जाना है और इसके गठन में जिन सैकड़ों श्रमिकों का बलिदान है हमेशा उसे याद रखना है। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं हम आज के दौर में ले रहे हैं वह सब जेल में बंद 13 मजदूर प्रतिनिधियों की बदौलत ही है। अजमेर सिंह ने संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ समाज में चल रहे हिंदू-मुस्लिम दंगों के ऊपर भी अपनी बात रखी।

उन्होंने कहा कि हमें किसी भी तरीके से किसी असामाजिक तत्वों के बहकावे में नहीं आना है मजदूर वर्ग हमेशा अपनी अलग पहचान बनाए रखता है हमने अपने आंदोलन से ही सीखा है की धर्म तोड़ता है जबकि संघर्ष जोड़ने की एक प्रक्रिया है। हाल ही में दिल्ली में हुए दंगों में न जाने कितने बेगुनाह लोगों की जानें गई लेकिन जो लोग भी इन दंगों के शिकार हुए वह सब मजदूर वर्ग के लोग थे किसी भी पूँजीपति या नेता के परिवार या स्वयं आहत होने की कोई घटना हमारे सामने नहीं आई है इसीलिए  हमें हर पहलू पर विचार करते हुए समझना होगा कि यह दंगे कौन करवा रहा है और इससे किसका लाभ है। कुछ स्वार्थी राजनेता अपनी राजनीति बनाए रखने के लिए बेगुनाह लोगों की कुर्बानी दे रहे हैं। मजदूर वर्ग को हमेशा जनता के संघर्ष के साथ खड़ा होना चाहिए और इन दंगों का प्रतिरोध करना चाहिए।

प्रोविजनल वर्किंग कमेटी के सदस्य रामनिवास ने मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन के इतिहास के बारे में मजदूरों को विस्तार से बताया और अपील की कि सभी श्रमिक अपना काम ईमानदारी से करें। आज जो माहौल प्लांट में स्थाई श्रमिकों को काम से  दूर रखकर रामराज का उदाहरण पेश किया जा रहा है, वह जानबूझकर लोगों को उत्पादन से काटने का षड्यंत्र है, ताकि जब कभी भी यूनियन को संघर्ष के मैदान में उतरना पड़े तो मैनेजमेंट बड़ी आसानी के साथ अन्य अस्थाई श्रमिकों के साथ प्लांट में उत्पादन सुचारू रूप से चला सके। हमने प्लांट में जो बड़ी बड़ी हड़तालें सफल बनाई उनका मुख्य कारण हमारा उत्पादन पर नियंत्रण था। मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन ने मजदूरों के लिए हड़ताल कर व ठेकेदारी प्रथा के खात्मे के लिए मांगपत्र में पहली मांग रखी व उसी को पूरा करने के लिए पूरी कार्यकारिणी जेल तक चले गए। ऐसा करके उन्होंने मजदूर वर्ग का नया इतिहास रचा।

खुशीराम ने मजदूरों के बीच राजनीतिक चेतना को विकसित करने की बात रखी और बताया कि जिस तरीके से प्रबंधन एक स्थाई श्रमिकों 70-80 हजार रुपए देता है और अस्थाई श्रमिकों को मात्र 15-20 हजार रुपए ओएतन देता है, अगर हम औसत सैलरी देखें तो वह एक श्रमिक की बड़ी मुश्किल से 20 हजार रुपए होगी। इस प्रकार प्रबंधन अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिए दिन प्रतिदिन स्थाई रोजगार को समाप्त कर अस्थाई व असुरक्षित मज़दूर तैयार कर रहा है। असल मुद्दों से भटकने के लिए वह मज़दूरों के बीच भी साम्प्रदायिक मुद्दों में उलझाकर रखती है।

कामरेड सतबीर ने वर्तमान में चल रहे NRC, NPR व CAA के विषय में बीजेपी की नीतियों के बारे में मजदूरों को जागरूक किया।

कामरेड जसपाल राणा ने सभी श्रमिकों को क्षेत्रवाद, जातिवाद से ऊपर उठकर मजदूर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए समर्पित लोगों को प्रोत्साहित कर संगठन को मजबूत करने की प्रेरणा दी।

मारुति आन्दोलन पर इसे पढ़ें

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे