कर्नाटक: सफाई कर्मचारियों ने सीएए और एनआरसी के विरोध में रैली निकाली।

पूरे देश में लोग सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। कहीं लोग 24 घंटे धरने पर बैठे हैं कहीं रैलियां निकल रही है। लोगों ने नारा दिया है हम कागज नहीं दिखाएंगे।

कर्नाटक के हूबबली में 500 सफाई कर्मचारियों ने सीएए- एनआरसी- एनपीआर के खिलाफ रैली निकाली। 22 जनवरी को पौराकर्मिकास संघ के नेतृत्व में संगोली रायण्णा मूर्ति से तहसीलदार कार्यालय हुबबली तक रैली निकालकर सफाई कर्मचारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया।

ज्यादातर सफाई कर्मचारी दलित, भूमिहीन किसान है, जिनके पूर्वज काम की तलाश में महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आए हैं। उनका कहना है कि हमारे गांव में गरीबी और अशिक्षा के कारण हम इस शहर मे काम की तलाश में आए थे। हमारे पास न जमीन है ना जन्म प्रमाण पत्र है ना किसी जमीन या संपत्ति के कागजात है और सरकार अब हमसे कागज मांग रही है। हम कागज कहां से दिखाएंगे।

संविधान सुरक्षा समिति का कहना है कि सीएए- एनआरसी- एनपीआर ना सिर्फ संविधान विरोधी है बल्कि यह दलित और गरीब यानी मानवता विरोधी भी है। इस देश में लोगों के पास दो वक्त खाने की रोटी नहीं है, रहने को मकान नहीं है और सरकार नागरिकता सिद्ध करने के लिए इनसे जमीन के कागजात मांग रही है। कई लोगों का जन्म गांव में होता है जिन्हें अपना जन्म दिवस भी याद नहीं है सरकार उनसे जन्म प्रमाण पत्र मांग रही है।

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