नागरिकता क़ानून: यूपी के रामपुर में 28 लोगों को नोटिस जारी

Varanasi: Police personnel baton charge protestors demonstrating against the Citizenship Amendment Act, in Varanasi, Friday, Dec. 20, 2019. (PTI Photo) (PTI12_20_2019_000176B)

हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का ज़िम्मेदार बताया ,25 लाख की भरपाई करने को कहा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रामपुर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले सप्ताह हुए प्रदर्शनों के दौरान ‘हिंसा के लिए पहचाने गए’ 28 व्यक्तियों को नोटिस जारी करके उन्हें अपनी स्थिति समझाने या सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए भुगतान करने को कहा है. यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी.

नोटिस में इन 28 लोगों को हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का जिम्मेदार बताया गया है. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे जिले में लगभग 25 लाख रुपये के नुकसान का आकलन करने के बाद मंगलवार को नोटिस जारी किए थे. पुलिस ने शुरू में कहा था कि लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है लेकिन अंतिम आकलन में यह आंकड़ा 25 लाख रुपये पहुंच गया.

जिलाधिकारी ऑन्जनेय सिंह ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘28 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं जिनकी पहचान विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के लिए की गई है. उन्हें जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है कि उनके खिलाफ क्यों कार्रवाई न की जाए. इसमें असफल रहने पर सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उनसे धनराशि वसूलने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.’

अधिकारियों के अनुसार, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान शनिवार को यहां 22 वर्ष के एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी. कई स्थानीय व्यक्ति और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और पुलिस की एक मोटरसाइकिल सहित छह वाहनों को आग लगा दी गई थी.

पुलिस ने बताया कि रामपुर में हिंसा के सिलसिले में अभी तक 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 150 से अधिक की पहचान की गई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संंबंध में रामपुर प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी किए हैं, जिनमें कढ़ाई का काम करने वाला एक कारीगर और मसाला बेचने वाला शख्स भी शामिल है, जो फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.

मालूम हो कि नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 18 लोगों की मौत हुई थी. रामपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई थी. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी थी कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, उनसे बदला लिया जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्राप्त किए गए एक नोटिस में जिला प्रशासन द्वारा 14.86 लाख रुपये की संपत्ति के नुकसान की बात कही गई है. इनमें भोट पुलिस थाने की पुलिस जीप 7,50,000 रुपये), सब इंस्पेक्टर की मोटरसाइकिल (65,000 रुपये), कोतवाली पुलिस थाने की मोटरसाइकिल (90,000 रुपये), वायरलेस सेट, हूटर/लाउडस्पीकर, 10 डंडे, तीन हेलमेट और तीन बॉडी प्रोटेक्टर शामिल हैं.

हिंसा के संबंध में गिरफ्तार कढ़ाईकार जमीर की मां मुन्नी बेगम ने बताया कि उनके पास अपने बेटे को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के लिए वकील करने तक के पैसे नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अभी तक जिला प्रशासन के पास से हमारे पास कोई नोटिस नहीं आया है. जमीर के लिए वकील करने तक के हमारे पास पैसे नहीं है. हम हर्जाना कैसे भरेंगे?’

उन्होंने कहा कि पुलिस बीते 22 दिसंबर की दोपहर रामपुर के नई बस्ती में उनके घर आई और जमीर को अपने साथ ले गई. मुन्नी बेगम ने कहा, ‘उन्होंने यह नहीं बताया कि वे जमीर को क्यों ले जा रहे हैं. अगले दिन हमें पता चला कि शनिवार (22 दिसंबर) को हुई हिंसा के लिए जमीर पर मामला दर्ज किया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है. मेरा बेटा निर्दोष है. हिंसा वाले दिन वह घर पर ही था.’

जमीर के पड़ोसी महमूद को भी इसी घटना के संबंध में रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया. महमूद मसाले बेचकर अपना घर चलाते हैं. महमूद के बहनोई फहीम ने कहा कि महमूद शनिवार को घर पर ही थे. उन्होंने कहा, ‘उसे हिंसा में हिस्सा लेने की जरूरत नहीं थी. वह किराए के घर में रहता है और थोड़ा बहुत ही कमाता है. वह इतनी बड़ी रकम कैसे अदा करेगा?’ रामपुर में बिलासपुर गेट के पास अन्य पीड़ित पप्पू की पत्नी सीमा ने कहा कि आगजनी में उनके पति को गलत तरीके से फंसाया गया है.

उन्होंने भी कहा कि शनिवार को उनके पति घर पर थे और पुलिस अगले दिन आई. जमीर, महमूद और पप्पू तभी से रामपुर की जेल में हैं. पुलिस ने कहा कि जमीर और महमूद को शनिवार को हाथी खाना क्रॉसिंग में हुई हिंसा में कथित भागीदारी के लिए गिरफ्तार किया गया. इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी और पांच घायल हो गए थे.

इससे पहले रामपुर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ऑन्जनेय कुमार सिंह ने कहा था, ‘21 दिसंबर को हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की सीसीटीवी के जरिए पहचान की गई और उनके नाम पुलिस को भेजे गए. नुकसान का आकलन किया गया और 28 आरोपियों को नोटिस जारी किए गए. इन लोगों से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया है, जिसके बाद उनसे भरपाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.’

उन्होंने कहा, ‘इन 28 में से कुछ को गिरफ्तार किया गया है जबकि अन्य का पता लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है. आरोपी और उनका परिवार खुद के निर्दोष होने के संबंध में सबूत पेश कर सकता है कि उस पर गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया.’

जिला प्रशासन का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के पहले के फैसले के आधार पर राज्य सरकार के आदेश  के अनुरूप ये नोटिस जारी किए गए हैं. स्थानीय पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर नोटिस जारी हुए हैं. पुलिस के पास वीडियो क्लिप और तस्वीरे हैं, जिनमें से कुछ उन्हें मीडिया हाउसेज और स्थानीय लोगों से मिली हैं. पुलिस ने घटनास्थल के पास से सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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