नया साल में बढ़ती महंगाई से बिगड़ेगा रसोईघर का बजट

प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों ने प्याज का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है लेकिन रसोई में इस्तेमाल होने वाले बहुत से चीजों के दाम बढ़ने वाले हैं या बढ़ चुके हैं मसलन दाल, लहसुन, दूध जैसी करीब दो दर्जन वस्तुओं के दाम बढ़ चुके हैं।

प्याज, आलू, दाल, गन्ना इत्यादि पैदा करने वाले राज्यों में बाढ़ और बारिश के कारण पैदावार को नुकसान हुआ है। इस वजह से खाद्य पदार्थों की कीमतों में नए साल में बढ़ोतरी हो सकती है। संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा की प्याज के उत्पादन में कमी हुई है जिसकी कमी पूर्ति के लिए प्याज आयात किया जा रहा है और अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं लेकिन अभी तक स्थिति नियंत्रण से बाहर है।

लेकिन सिर्फ प्याज की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है आलू, दूध, दाल, चीनी सभी चीजें महंगी हुई है। नए साल में चीनी की कीमतों में 10 से 20% तक वृद्धि हो सकती है। सार्वजनिक वितरण एवं खाद मंत्री रामविलास पासवान ने शीतकालीन सत्र में 22 आवश्यक खाद्य पदार्थों की खुदरा कीमत का विवरण पेश किया। इसमें जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक के आंकड़े पेश किए गए यह आंकड़े बताते हैं कि मंगाई किस प्रकार आम आदमी की जेब पर असर डाल रही है। अरहर की दाल की कीमत जनवरी में 72.84 रुपए प्रति किलो थी जो दिसंबर जनवरी आते-आते ₹88.5 रुपए प्रति किलो हो गई।

इसी प्रकार उड़द की दाल 71.83 रुपए प्रति किलो से 95.25 रुपए प्रति किलो हो गई। इसी प्रकार सरसों, सूरजमुखी, सोया आदि तेलों में वृद्धि से लेकर दूध, चाय पत्ती, नमक इत्यादि तक के दामों में वृद्धि हुई है।

आंकड़े बताते हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति 6 साल में पहली बार इतनी ज्यादा है। अगस्त 2019 में खाद्य मुद्रास्फीति की दर 2.99% थी जो सितंबर में बढ़कर 5.11% हो गई अक्टूबर में 7.89% जो दिसंबर में बढ़कर 10.1% हो गई है।

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