28 नवंबर, ज्योतिबा फुले पुण्यतिथि

ज्योतिराव गोविंदराव फुले (जन्म – 11 अप्रैल 1827, मृत्यु – 28 नवम्बर 1890) हिंदुस्तान में जाति विरोधी आंदोलन के मार्ग निर्माताओं में से एक हैं। अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ साझेदारी में ज्योतिबा ने अपना पूरा जीवन शूद्र, अतिशूद्र और महिलाओं के सामाजिक शोषण और भेदभाव की ख़िलाफ़त, व बहुतार्फे सामाजिक सुधार को समर्पित कर दिया। पिछड़े वर्गों व महिलाओं की शिक्षा, वैज्ञानिक और व्यावहारिक शिक्षा, विधवा पुनः विवाह व लैंगिक शोषण से मुक्ति, धार्मिक संस्कारों का सरलीकरण, मूर्तिपूजन का विरोध इत्यादि उनके कार्यों में से मुख्य थे। साथ ही फुले समकालीन दौर में मज़दूरों के उभरते संघर्षों से भी जुड़े रहे और नाइयों की हड़ताल व बंबई के मिल कर्मियों के प्रारंभिक संघर्षों से भी उनके ताल्लुक मिलते हैं।

आज उनकी मृत्यु के 130 साल बाद भी समाज में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे ज्वलंत संघर्षों के रूप में उपस्थित हैं। उनकी मृत्यु दिवस पर उनके अधूरे संघर्षों को मुकाम तक पहुंचाना का प्रण लेते हुए इस महापुरुष को उचित श्रद्धांजलि दें।

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