होण्डा मज़दूरों के समर्थन में कुरुक्षेत्र में प्रदर्शन

सभी मज़दूरों की कार्यबहाली व स्थाईकरण करने तथा दमन बन्द करने की माँग बुलन्द हुई

कुरुक्षेत्र, हरियाण, 19 नवम्बर। जन संघर्ष मंच हरियाणा, निर्माण कार्य मज़दूर मिस्त्री यूनियन व मनरेगा मज़दूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से मानेसर प्लांट गुड़गांव के हांडा मज़दूरों की माँगों के समर्थन में प्रदर्शन किया और डी.सी. कुरुक्षेत्र के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। प्रदर्शनकारी नये बस अड्डा कुरुक्षेत्र पर इकट्ठा होकर मिनी सचिवालय पहुंचे। प्रदर्शन की अध्यक्षता जन संघर्ष मंच हरियाणा की महासचिव सुदेष कुमारी व जिला प्रधान संसार चन्द्र ने की।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मंच के जिला प्रधान संसार चन्द्र ने कहा कि गत 4 नवंबर से मानेसर (गुड़गांव) स्थित होंडा कंपनी के करीब 2500 कैजुअल वर्कर जो कि गैर कानूनी छँटनी कर निकाल दिये गये हैं। वे अपनी रोजी रोटी के लिए, स्थायी रोजगार पाने के लिए व ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और लगातार धरने पर बैठै हुए हैं। कंपनी प्रबंधन आर्थिक मंदी का हवाला देकर मजदूरों पर यह जुल्म ढाह रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे व होंडा मज़दूरों की छँटनी पर रोक लगाए तथा सभी कैजुअल व अस्थायी मज़दूरों को स्थायी नौकरी पर रखा जाए।

निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के प्रधान कामरेड करनैल सिंह ने कहा कि पिछले कई दिनों से होंडा मज़दूर अपनी न्यायसंगत माँगों के लिए धरने पर बैठे हैं। प्रशासन का रवैया बहुत ही अमानवीय है जिन्होंने उनके लिए टायलेट व कैंटीन भी बंद कर दी है।

मंच की महासचिव सुदेष कुमारी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की मोदी-खट्टर सरकार होंडा मजदूरों के न्यायसंगत आंदोलन की अनदेखी कर रही है। उन्होंने सरकार से माँग की कि तुरंत हस्तक्षेप करके होंडा के मजदूरों की कार्यबहाली करे तथा प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करके सभी कैजुअल व कांट्रैक्ट वर्करों को स्थायी नौकरी पर रखा जाए व मजदूरों पर बनाए गए झूठे केस रद्द किए जाएं। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रांतीय सरकार यह दावा करती है कि देश में खूब विकास हो रहा है, लेकिन पंँजीपति, उद्योगपति आर्थिक मंदी का बहाना बनाकर मज़दूरों की छँटनी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि यह विकास पूँजीपतियों का हो रहा है या मज़दूरों का। और क्या सरकार पूँजीपतियों के विकास को ही देश का विकास कहती है। हम जानना चाहते हैं कि क्या पूँजीपतियों का हित ही देश हित होता है और मजदूर जाएं भाड़ में!

मनरेगा मज़दूर यूनियन के जिला प्रधान नरेश कुमार ने कहा कि आर्थिक मंदी के लिए पूरी तरह जिम्मेदार देश की पूँजीवादी व्यवस्था और पूँजीपतियों की पक्षधर सरकार की नीतियां हैं। उन्होंने होंडा कंपनी प्रबंधन और खट्टर सरकार की कड़े शब्दों में निन्दा की और कहा कि कंपनी के बाहर खुले में सर्दी में सोने के कारण कई मज़दूरों की हालत बिगड़ गई है कई मज़दूर डेंगू के शिकार हो चुके है और अस्पताल में दाखिल हैं।

मंच के प्रांतीय प्रवक्ता लहणा सिंह, सह-प्रवक्ता सोमनाथ, जिला सचिव चन्द्ररेखा, ऊषा कुमारी, कुलदीप सिंह, मेवा राम, रामचंद्र तथा सर्व-कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान ओम प्रकाश, हरियाणा रोडवेज वर्कस यूनियन के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, डिपो प्रधान बलवंत सिंह देसवाल, आनन्द सिंह व मैक्निकल यूनियन के ऑडिटर सुरेन्द्र कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि बड़े खेद की बात है कि होंडा कंपनी के मालिक व श्रम विभाग होंडा मज़दूरो के साथ मनमानी कर रहे हैं, उनको काम से निकाल रहे हैं। लेकिन राष्ट्रवाद व देशभक्ति की दुहाई देने वाली भाजपा सरकार मजदूरों की दयनीय हालत पर सोई हुई है, मज़दूरों की आवाज को अनसुना कर रही है और कंपनी प्रबंधन मज़दूरों पर झूठे केस दर्ज करवाकर उनके जायज आंदोलन का दमन कर रहा है।

सभी वक्ताओं ने सरकार से माँग की कि संघर्षरत होंडा मज़दूरों की माँगों को तुरंत पूरा किया जाए व उन्हें तुरंत काम पर वापिस लिया जाए। जन संघर्ष मंच हरियाणा अपनी पूरी ताकत के साथ अन्य मज़दूर संगठनों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में होंडा मज़दूरों के पक्ष में आंदोलन तेज करेगा। सभी वक्ताओं ने देश के प्रतिष्ठित विष्वविद्यालय जे.एन.यू. में फीस वृद्धि तथा जन-विरोधी शिक्षा नीति के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निन्दा की।

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