भोजन माताओं का नैनीताल में प्रदर्शन

प्रगतिशील भोजन माता संगठन के बैनर तले महिलाओं में अपनी माँगें की बुलंद
नैनीताल (उत्तराखंड)। प्रगतिशील भोजन माता संगठन के बैनर तले 11 नवम्बर को जिले के विभिन्न हिस्सों से आई हुई भोजन माताएं तल्लीताल गांधी प्रतिमा के समक्ष एकत्रित हुई और कुमाऊ कमिश्नरी तक जुलूस निकाला, अपने मांगों के समर्थन में नारेबाजी की तथा कुमाऊं आयुक्त को ज्ञापन सौंपा।
कमिश्नरी में हुई सभा मे संगठन की प्रदेश महामंत्री रजनी जोशी ने कहा कि जिले के 800 से अधिक सरकारी स्कूलों में कार्यरत भोजन माताएं जंगल से लकड़ी का इंतजाम कर उससे खाना बना रही हैं मगर सरकार उज्जवला योजना का ढोल पीट रही है। संगठन के अध्यक्ष हंसी गरजौल ने आरोप लगाया कि भोजन माताओं से भोजन बनवाने के साथ ही सफाई व दूसरे काम करवाए जा रहे हैं। लकड़ी से खाना बनाने के कारण महिलाओं पर बुरा असर पड़ रहा है।

कुमाऊं आयुक्त को दिए गए ज्ञापन में भोजन माताओं ने मांग की कि सभी स्कूलों में गैस उपलब्ध कराकर भोजन माताओं को धुएँ से मुक्त किया जाए, स्थाई काम का स्थाई रोजगार दिया जाए, मानदेय के स्थान पर न्यूनतम वेतन ₹15000 प्रतिमाह दिया जाए, प्रसूति अवकाश दिया जाए, विद्यालय में होने वाले उत्पीड़न को बंद किया जाए, विद्यालय में 25 बच्चों पर एक उससे अधिक पर दो भोजन माता रखा जाए, विद्यालय में बच्चे कम होने की स्थिति में भोजन माताओं को ना हटाया जाए, भोजन माताओं को बोनस का भी लाभ दिया जाए।
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कुमाऊँ कमिशनरी पर हुए प्रदर्शन में उत्तराखंड के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों -जसपुर, काशीपुर, रामनगर, बैलपड़ाव, कालाढूंगी, कोटाबाग, हल्द्वानी, रामगढ़, बिन्दुखत्ता, धारी आदि क्षेत्रों से आयी भोजनमाताओं ने भागीदारी की। उनके समर्थन में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंक़लाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन एवं क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के साथी भी उपस्थित थे।
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