यूरोपीय सांसदों के कश्मीर दौरे को फंड करने वाले समूह पर सवालिया निशान

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मोदी सरकार ने फर्जी कंपनियों का लिया सहारा, कहां से आए करोड़ों रूपये ? पता नहीं

कश्मीर में यूरोपीय सांसदों के दल के दौरे को कथित रूप से फंड देने वाला इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर नॉन-अलाइंड स्टडीज़, श्रीवास्तव समूह का हिस्सा है. इसकी वेबसाइट पर इसके कई कारोबार होने की बात कही गई है. हालांकि दस्तावेज़ ऐसा कोई बिज़नेस नहीं दिखाते, जिससे वे यूरोपीय सांसदों को भारत बुलाने और प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाने में समर्थ दिखें.

नई दिल्ली: श्रीवास्तव समूह- कश्मीर में यूरोपीय सांसदों के दल के दौरे को कथित रूप से फंड देने वाले एक छोटा-से संगठन इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर नॉन-अलाइंड स्टडीज (आईआईएनएस) के पीछे है, जिसकी कई सारी कंपनियां हैं. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की फाइलिंग दिखाती हैं कि ये कंपनियां न के बराबर बिजनेस करती हैं.

अपनी वेबसाइट पर समूह बताता है कि वह ‘देश के प्राकृतिक संसाधनों, स्वच्छ ऊर्जा, एयरस्पेस, परामर्श सेवाओं, हेल्थकेयर, प्रिंट मीडिया और प्रकाशन में रुचि रखने वाले और तेजी से बढ़ रहे व्यावसायिक घरानों’ में से एक है.

वेबसाइट पर यह भी लिखा है कि ‘बदलाव में विश्वास रखते हैं.’ हालांकि कथित तौर पर यूरोपीय सांसदों के निजी दौरे को फंड करने वाले इस समूह की आरओसी की कॉरपोरेट फाइलिंग समूह की विभिन्न कंपनियों द्वारा किए जा रहे बिजनेस पर सवाल उठते हैं.

संदिग्ध न्यूज़ वेबसाइट और वेडिंग बिजनेस

समूह की सभी कंपनियों के डायरेक्टर में दो ही लोगों का नाम दिखाई देता है- अंकित श्रीवास्तव और नेहा श्रीवास्तव. आईआईएनएस के नाम के साथ दिया गया फोन नंबर किसी अंकित श्रीवास्तव नाम पर रजिस्टर है.

श्रीवास्तव समूह और आईआईएनएस का पता एक ही है- ए-2/59, सफदरजंग एन्क्लेव, दिल्ली. समूह न्यू डेल्ही टाइम्स नाम का एक अख़बार भी प्रकाशित करता है, जो बमुश्किल ही कहीं दिखता है. इसकी एक वेबसाइट और ट्विटर हैंडल भी है.

सफदरजंग एन्क्लेव में आइआईएनएस के पते पर यह इमारत बनी हुई है. (फोटो: अविचल दुबे/द वायर)

द वीक में प्रकाशित एक हालिया लेख में बताया गया था कि किस तरह श्रीवास्तव समूह ब्रसेल्स की एक संदिग्ध वेबसाइट से जुड़ा है, जो रशिया टुडे के कंटेंट को अलग उद्देश्य से इस्तेमाल कर रही थी.

समूह की वेबसाइट पर नई दिल्ली के अलावा बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड और कनाडा में दफ्तर होने की बात लिखी है. वेबसाइट पर दिया जेनेवा के फोन नंबर पर कॉल करने पर ‘उपलब्ध नहीं’ बताता है.

एडमोंटन, कनाडा में समूह के दफ्तर का जो पता दिया हुआ है, वह वोग वेडिंग्स एंड इवेंट्स नाम की एक पंजाबी वेडिंग एंड इवेंट मैनेजमेंट बिज़नेस कंपनी का भी पता है.

श्रीवास्तव समूह की जाली कंपनियां

समूह के बारे में केवल इस जानकारी पर सवाल नहीं उठते. समूह कई कंपनियों के विभिन्न कारोबारों से जुड़े होने  कहता है, लेकिन आरओसी में दिए गए दस्तावेज दिखाते हैं कि इनमें से ज्यादातर कंपनियां कोई काम नहीं करती हैं.

सवाल उठता है कि ऐसे में किस तरह यह समूह यूरोपीय संसद के सदस्यों को साथ लाने, भारतीय प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात करवाने और उनके लिए कश्मीर दौरे (जहां देश के विपक्षी नेता नहीं जा सकते) की योजना बनाने में सफल रहा?

एक सामान्य डेटाबेस सर्च दिखाती है कि नेहा और अंकित श्रीवास्तव सात कंपनियों के निदेशक हैं, जिनमें से तीन बंद हो चुकी हैं.

ए2एन ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड ने पिछले साल 2,000 रुपये का नुकसान दिखाया गया है. इसका कोई एसेट या रेवेन्यू नहीं है. सिटीबैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में इसके दस-दस हजार रुपये हैं. श्रीवास्तव मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2018 में पेड अप कैपिटल एक लाख रुपये था और 2.48 लाख रुपये का घाटा दर्ज किया गया था.

न्यू डेल्ही एविएशन की पेड अप कैपिटल एक लाख रुपये है और यह ‘ट्रैवल एजेंसियों की गतिविधि’ से जुड़ी है. ए2एन एनर्जी सप्लाई की भी पेड अप कैपिटल एक लाख रुपये है और यह गर्म पानी की सप्लाई से जुड़ी है.

2018 में बनी श्रीवास्तव ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड की पेड अप कैपिटल भी एक लाख रुपये है. वहीं, एक लाख रुपये की पेड अप कैपिटल वाले एएनआर हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2018 में 31.56 लाख रुपये का घाटा दिखाया था.

द वायर  द्वारा आईआईएनएस और श्रीवास्तव समूह से संपर्क करने का प्रयास किया गया था, जो असफल रहा.

रोहिणी सिंह, द वायर से साभार  

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