चिली में मेट्रो में किराए में वृद्धि के बाद बढ़ने लगा है छात्रों का आंदोलन

आंदोलन को मिल रहा है जनता का भारी समर्थन ,आपातकाल की घोषणा

सैंटियागो: मात्र चार प्रतिशत की मेट्रो किराए में बढ़ोत्तरी के खिलाफ शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन चिली में लगातार बढ़ता जा रहा है। आंदोलन में जनता को भारी समर्थन मिला है, जिससे देश की सरकार भी परेशान है। आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।

चिली के राष्ट्रपति ने राजधानी सैंटियागो में आपातकाल की घोषणा कर सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सेना को सौंप दी है. मेट्रो के किराये में वृद्धि को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है.राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने कहा, ‘मैंने आपातकाल की घोषणा कर दी है और हमारे देश के आपातकालीन कानून के प्रावधानों के अनुसार मेजर जनरल जेवियर इटुरियागा डेल कैंपो को राष्ट्रीय रक्षा प्रमुख नियुक्त किया है.’

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बीते 18 अक्टूबर को प्रदर्शनकारियों की सैंटियागो के कई हिस्सों में दंगा विरोधी पुलिस के साथ झड़प हुई और कई स्टेशनों पर हमलों के बाद मेट्रो सेवा को बंद कर दिया गया. शहर में कई जगहों पर हुई हिंसा के दौरान करीब 16 बसों को आग लगा दी गई और एक दर्जन मेट्रो स्टेशन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए.

राष्ट्रपति ने 18 अक्टूबर की आधी रात को आपालकाल लगाने की घोषणा की. पिनेरा ने एक बयान में कहा, ‘आपातकाल लगाने का मकसद बहुत सरल लेकिन बहुत गंभीर है. सैंटियागो के निवासियों के लिए सार्वजनिक व्यवस्था और शांति सुनिश्चित करना.’

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आपातकाल शुरुआती तौर पर 15 दिनों के लिए लगाया गया है. इस दौरान सार्वजनिक गतिविधियों और सभा करने पर प्रतिबंध रहेगा. आपातकाल के कारण नेशनल फुटबॉल एसोसिएशन ने इस सप्ताहांत के मैचों को रद्द कर दिया है. जनरल इटुरियागा ने कहा कि सेना 70 लाख आबादी वाले सैंटियागो के संकटग्रस्त स्थलों पर गश्त करेगी, लेकिन वर्तमान में कर्फ्यू नहीं लगाएगी.

उन्होंने कहा, ‘हम अभी किसी भी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं करने जा रहे हैं.’ पिनेरा ने अव्यवस्था फैलाने को लेकर प्रदर्शनकारियों की निंदा की. उन्होंने एक रेडियो साक्षात्कार में कहा, ‘हर चीज को क्षति पहुंचाने की यह इच्छा कोई विरोध नहीं, बल्कि अपराध है.’

बीते 17 अक्टूबर को मेट्रो स्टेशनों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 133 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, सब-वे (मेट्रो सेवा) के किराये में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद बीते 14 अक्टूबर से सैंटियागो में छात्रों के नेतृत्व में प्रदर्शन शुरू हो गए थे. ये प्रदर्शन बाद में हिंसक हो उठे.

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बीते 18 अक्टूबर की शाम छात्रों ने मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वारों पर बैरीकेड लगाकर आग लगा दी थी. इसके बाद यातायात अधिकारियों ने सभी मेट्रो लाइनों को बंद कर दिया था, जिसकी वजह से हजारों यात्री जहां-तहां फंस गए थे. रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद सरकार ने सेना को राजधानी सैंटियागो की सड़कों पर गश्त लगाने के लिए भेज दिया था. वर्ष 1990 में ऑग्स्तो पिनोचेट की मिलिट्री तानाशाही खत्म होने के बाद सेना को पहली बार गश्त के लिए सैंटियागो की सड़कों पर भेजा गया था.

चीली में मेट्रो किराये में 1.12 अमेरिकी डॉलर से लेकर 1.17 अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी की गई है. मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि ईंधन और रखरखाव के खर्च में बढ़ोतरी होने के अलावा देश की करेंसी ‘पेसो’ की कमजोर स्थिति की वजह से किराया बढ़ाना जरूरी हो गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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