छत्तीसगढ़ में मजदूरों ने निकली रैली

मजदूरों ने अपनी माँगें की बुलंद, दमन का किया विरोध

भिलाई (छत्तीसगढ़)। आज छत्तीसगढ़ मुक्तिमोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति और प्रगतिशील सीमेन्ट श्रमिक संघ के मजदूरों ने शाम 5 बजे ए सी सी गेट से जुलूस निकाल कर लेबर केम्प से होते हुए रावण भाठा जामुल में सभा किया।

मजदूरों ने मुख्य रूप से माँग उठाई कि ए सी सी, ओउद्योगिक क्षेत्र, भिलाई स्पात सयंत्र सहित ठेका श्रमिकों को दीपावली के पहले बोनस दिया जाए, उद्योग स्थाई है तो मजदूरों को स्थाई किया जाए, नवजवान बेरोजगारों को काम दिया जाए, बंद हो रहे छोटे छोटे उद्योगों को चालू किया जाए, भयावह महगाई पर रोक लगाई जाए।

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वक्ताओं ने कहा कि आज मजदूरों के बोलने के अधिकार को छीना जा रहा है, जो अभव्यक्ति की आजादी पर हमला है । मजदूरों के अधिकार पर बोलने वाली अधिवक्ता सुधा भरद्वाज को यू ए पी ए के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाला गया है । आज भी जमानत नही दीया गया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है ।

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केन्द्र सरकार लगातार रेल भेल सेल को अडानी अम्बानी (कारपोरेट) घराने के हाथों सौप रही है । लाखों करोड़ों मजदूर बेरोजगारी के चलते भुखमरी के कगार पर खड़े है । कारपोरेट घराने 100 प्रतिशत मशीनीकरण से काम चलाने का काम कर रहे है, यू पी में 25 हजार होम गार्ड को निकाल दिया जो जन विरोधी है । पी एम सी बैंक से अपना पैसा नही मिलने पर 3 लोगो की मौत हो गई । छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को जिस आशा से मजदूरों ने सत्ता पर लाया वह भी मजदूरों की अनदेखा कर रहा है।

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वक्ताओं ने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह, शहीद शंकर गुहा नियोगी, गुरु बालक दास, प्रवीर चन्द्र भंजदेव, जरहु गॉड का छत्तीसगढ़ चाहिए, यह लुटेरे पूंजीपति कारपोरेट घराने का नही।

पूरे देश के अंदर महिला मजदूर असुरक्षित है,और उन्हें हासिए पर धकेला जा रहा है । जशपुर से बस्तर तक के जल जंगल जमीन को खनिज संपदा को करपोरेट घराने के हाथों सौप कर वहा के आदिवासी, दलित को बेघर किया जा रहा है । अब तो लोकतंत्र सरकारी बंदूक के नली से निकलता है । यह भयावह दौर है आने वाले पीढ़ियों का भविष्य अंधेरे में है।

लाल हरा झंड़ा के सिपाही संघर्ष निर्माण के उद्देश्य को पूर्ण करने संघर्ष तेज करेगा।

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