आईटीसी तीनों प्लांटों के मजदूरों ने की सभा

आईटीसी प्रबंधन की तानाशाही के ख़िलाफ़ मज़दूरों की आवाज़ हुई बुलंद
मज़दूरों के बढ़ाते उत्पीडन, श्रम कानूनों के उल्लंघन, कॉस्ट कटिंग और अनुशासन के नाम पर तानाशाही और अनावश्यक रूप से मजदूरों को कम किया जाने पर आईटीसी के तीनों प्लांटों के मजदूरों ने एकता प्रदर्शित करते हुए मज़दूर उत्पीडन पर आवाज़ बुलंद करने का आह्वान किया…
हरिद्वार (उत्तराखंड)। आईटीसी लिमिटेड हरिद्वार के तीनों प्लांटों के मजदूरों ने 18 अक्टूबर को शिवालिक नगर स्थित पीठ बाज़ार में सभा की और प्रबंधन की तानाशाही के ख़िलाफ़ आक्रोश प्रकट किया।
इसे भी पढ़ें-घायल थी आंख, श्रम अधिकारी ने दर्ज किया हाथ
सभा मे वक्ताओं ने प्रबंधन पर मज़दूरों के बढ़ाते उत्पीडन को रखते हुए श्रम कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया । वक्ताओं ने कहा की प्रबन्धन द्वारा कॉस्ट कटिंग और अनुशासन के नाम पर तानाशाही का वातावरण तैयार किया जा रहा है । अनावश्यक रूप से मजदूरों को कम किया जा रहा।
इसे भी देखें- मजदूरों ने लगाया श्रम विभाग पर मिलीभगत का आरोप
मज़दूर नेताओं ने सभा के माध्यम से इसके प्रति लोगो को जागरूक किया और लोगो के विचारा के अनुरूप आगे की कार्यवाही की रणनीति तैयार की। साथ ही तीनों प्लांटों की एकता मजबूत करने का आह्वान किया।
इसे भी देखें- उत्तराखंड : बंद होती कंपनियां, संघर्षरत मजदूर
नेताओं ने कहा कि प्रबंधन की तानाशाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। विरोधस्वरूप 22 अक्टूबर को हरिद्वार में हिंदुस्तान लीवर चौक पर कम्पनी प्रबंधन का पुतला दहन का कार्यक्रम तय हुआ।
इसे भी देखें- अन्याय के खिलाफ संघर्षरत है सत्यम ऑटो के मज़दूर
सभा को आई टी सी मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष- अस्वनी कुमार, महामंत्री रमेश बिष्ट, उपाध्यक्ष- किशोर बिष्ट, और महेंद्र सिंह राणा, कर्मचारी कल्याण यूनियन की तरफ से अध्यक्ष राजेश कुमार और महामंत्री फरवेंद्र चौधरी, और फ़ूड श्रमिक यूनियन की तरफ से अध्यक्ष गोविंद सिंह उचोली, महामंत्री बृजेश कुमार और देवेंद्र सिंह ने सम्बोधित किया।
आइए भारत के मज़दूर इतिहास को जानें– मंदी व विश्वयुद्ध से जूझकर आगे बढ़ता मेहनतकश
1 thought on “आईटीसी तीनों प्लांटों के मजदूरों ने की सभा”
Comments are closed.