पूंजीपतियों का माफ कर दिया 76 हजार रूपये का कर्ज

बैंकों के दबाव में किसान कर्ज लेकर करते हैं आत्महत्या
नई दिल्ली. किसानों का कुछ रूपये या पैसे में कर्ज माफ करने वाली बैंक बड़े पूंजीपतियों के करोड़ों रूपये बिना बोले ही माफ कर दे रही हैं। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने 220 डिफॉल्टर्स (Bank Default) के 76,000 करोड़ रुपये के बुरे कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया है यानी ‘राइट ऑफ’ (Write off) कर दिया है. हर एक डिफॉल्टर्स पर करीब 100 करोड़ रुपये का कर्ज है. CNN-News 18 द्वारा आरबीआई (Reserve Bank of India) से RTI के जरिये बैंकों का आधार ब्रेकअप मिला है, जिसमें 31 मार्च 2019 तक बैंकों ने 100 करोड़ रुपये से लेकर 500 करोड़ रुपये के बुरे कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी कॉमर्शियल बैंकों (Commercial Bank) द्वारा 100 करोड़ रुपये व उससे अधिक के बुरे कर्ज का कुल 2.75 लाख करोड़ रुपये बट्टे में डाला गया है.
RBI ने 980 खातों की पहचान की
हालिया जानकारी से पता चलता है कि 500 करोड़ रुपये व उससे अधिक दिए गए लोन के कुल 67,600 करोड़ रुपये को फंसे कर्ज के तौर पर घोषित किया गया है. आरबीआई ने 980 लेनदारों की पहचान की है, जिन्होंने 100 करोड़ रुपये व उससे अधिक कर्ज लिया है और बैंकों ने इन्हे बट्टे खाते में डाल दिया है. इसमें से 220 खाते एसबीआई में हैं. इस तरह के हर एक खाते में औसतन 348 करोड़ रुपये माफ किया गया है.
डिफॉल्टर खातों के मामले में PNB दूसरे स्थान पर
500 करोड़ रुपये से अधिक के लोन वाले 71 खातों में 33-44 फीसदी खाते SBI के हैं. इसी प्रकार, पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) ने भी 100 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज लेने वाले 94 खाताधारकों का कर्ज माफ किया है. पीएनबी के लिए कुल रकम 27,024 करोड़ रुपये है. औसतन हर एक खाते का 287 करोड़ रुपये माफ किया गया है. पीएनबी ने 500 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लेने वाले 12 सबसे बड़े डिफॉल्टर्स का 9,037 करोड़ रुपये माफ कर दिया है.
प्राइवेट बैंकों की लिस्ट में आईडीबीआई में सबसे अधिक डिफॉल्ट
पब्लिक सेक्टर बैंकों में एसबीआई और पीएनबी ने इस लिस्ट में टॉप किया है तो वहीं प्राइवेट बैंकों में आईडीबीआई शीर्ष पर रहा. 100 करोड़ रुपये व उससे अधिक के कर्ज को राइट ऑफ करने वाले बैंकों में आईडीबीआई तीसरा सबसे बड़ा कॉमर्शियल बैंक रहा. आईडीबीआई बैंक में 100 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लेने वाले 71 लेनदार रहे, जिन्होंने कुल 26,219 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. केनरा बैंक में भी 100 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज लेने वाले लेनदारों की संख्या 63 रही. केनरा बैंक में 500 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज लेने वाले लेनदरों की संख्या 7 है. इन्होंने कुल 27,382 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है.
प्राइवेट बैंकों की बात करें तो एक्सिस बैंक में इस प्रकार के 43 लेनदार और आईसीआईसीआई बैंक में 37 खाते रहे. इसी प्रकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक में प्रत्येक 4 डिफॉल्टर्स हैं. यह आंकड़े सिर्फ CNN-News 18 के पास है जिन्हे RTI एप्लिकेशन के जरिए हासिल किया गया है.
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