एचएएल की नौ इकाइयों के 20 हजार कर्मचारी हड़ताल पर
वेतन-भत्तों में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं कर्मचारी
बेंगलुरूः रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कर्मचारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. कर्मचारियों के भत्तों में संशोधन समेत कई मांगों को लेकर प्रबंधन से वार्ता विफल रहने के बाद हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया.
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स ने बताया कि हड़ताल को टालने के सभी प्रयासों के बीच कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. कर्मचारी संघों के एक शीर्ष निकाय ने कहा कि प्रबंधन ने उनकी उचित और वाजिब मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया.कर्मचारी संगठनों ने एचएएल के सभी केंद्रों को नोटिस भेजकर एक जनवरी 2017 से भत्तों के पुनर्निर्धारण की मांग के समर्थन में 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्देश दिया है.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रबंधन ने इससे पहले कहा था, ‘इस प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल से सामान्य रूप से कंपनी के प्रदर्शन और विशेष रूप से कर्मचारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और सशस्त्र बल की बेड़ा सेवा (फ्लीट सर्विस) को बनाए रखने की जरूरत है, यह जरूरी है कि कर्मचारी इस तरह की गैरकानूनी हड़ताल नहीं करे और प्रबंधन द्वारा मुहैया कराए गए उचित वेतन संशोधन से रजामंद हो जाए.’
ट्रेड यूनियनें कामगारों और अधिकारियों के बीच प्रस्तावित वेतन वृद्धि में भेदभाव को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं. एचएएल के कर्मचारी संघ वेतन में संशोधन की मांग कर रहे हैं. एचएएल प्रबंधन ने कामगारों के कुल वेतन में आठ फीसदी की वृद्धि की पेशकश की है. ट्रेड यूनियनें अधिकारियों के वेतन में एकमुश्त की गई 35 फीसदी वृद्धि के समान वेतन बढ़ाने की मांग कर रही है.
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अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारी 2017 में वेतन को लेकर हुए समझौते को लागू करने की मांग कर रहे हैं. एक यूनियन के अध्यक्ष ने कहा, ‘एचएएल के प्रबंधकर्ताओं का वेतन 35 फीसदी के हिसाब से बढ़ाया गया है. हम समानता की मांग कर रहे हैं.’
अपने बयान में एचएएल का कहना है, ‘प्रबंधन के एक मैत्रीपूर्ण/प्रारंभिक वेतन समझौते को लेकर किए जा रहे ठोस प्रयासों के बावजूद दुर्भाग्य से यूनियनों ने हठी रवैया अपनाते हुए ऑफर को स्वीकार नहीं किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है जबकि प्रबंधन ने उनसे इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की अपील की थी.’
रविवार को महासचिव और अखिल भारतीय एचएएल व्यापार संघ की समन्वय समिति के मुख्य संयोजक सूर्यदेव चंद्रशेखर ने कहा, ‘जैसा कि पहले तय किया हुआ था, एचएएल इकाई के सभी कर्मचारी 14 अक्तूबर, 2019 से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे.’
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ट्रेड यूनियनों ने प्रबंधन को 30 सितंबर को ही नोटिस देकर सूचित कर दिया था कि देशभर में एचएएल की नौ इकाई 14 अक्तूबर से हड़ताल पर हैं. यह हड़ताल इसलिए हो रही है क्योंकि देशभर के लगभग 20 हजार कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने को लेकर जारी वार्ता विफल हो गई.
एचएएल प्रबंधन ने अखिल भारतीय एचएएल व्यापार संघ समन्वय समिति की प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल को अवैध बताया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर चेतावनी दी. एचएएल ने बयान में कहा, ‘वार्ता के दौरान मजदूरी वार्ता समिति ने कर्मचारियों/संगठन और राष्ट्र के हित को खतरे में डालते हुए किसी भी हड़ताल/आंदोलन का सहारा लेने के दुष्प्रभावों से यूनियनों को अवगत कराया था.’
प्रबंधन का कहना है कि इस प्रस्तावित हड़ताल से संगठन के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. मालूम हो कि एशिया की सबसे बड़ी रक्षा क्षेत्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट के तौर पर अपनी पहचान रखने वाली एचएएल के देशभर में 16 मैन्युफैक्चिरिंग प्लांट हैं. इसके साथ ही नौ रिसर्च एंड डेवलेपमेंट सेंटर्स भी हैं जिनमें 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं.
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(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)