तेलंगाना में सरकारी बसों के 48 हजार हड़ताली कर्मचारियों को सरकार ने निकाला

पांच सालों से कोई भर्ती नहीं, कर्मचारियों पर काम का दबाव, नौकरी की भी कोई सुरक्षा नहीं


सरकार से बेहतर वेतन और नौकरी की सुरक्षा की मांग करने वाले तेलंगाना राज्य पथ परिवहन निगम के 48 हजार कर्मचारियों को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। हड़ताल की वजह से राज्य की परिवहन सेवाएं चरमरा गई हैं, लेकिन, सरकार न जनता की सुन रही है और न ही कर्मचारियों की परवाह कर रही है।


परिवहन निगम के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के जरिए गठित एक प्रतिनिधि से बात की, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई। कर्मचारियों के बवाल को देखते हुए राज्य सरकार ने एस्मा लागू कर दिया है, बावजूद इसके कर्मचारी हड़ताल पर हैं।


तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कोर्पोरेशन (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों ने अपनी मांगों के चलते 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला लिया। सरकार के साथ इकाई का विलय इनकी मुख्य मांग है। विभिन्न कर्मचारी संघ की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने कहा कि राज्य सरकार के गलत रवैये के चलते उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा।


उनका आरोप है कि हड़ताल की सूचना दिए जाने के बाद भी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने में सरकार विफल रही है। संघ चाहता है कि सरकार के साथ टीएसआरटीसी का विलय हो जाए। घाटे में चल रहे आंध्र प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन कोर्पोरेशन (एपीएसआरटीसी) इकाई का पड़ोसी राज्य ने विलय कर दिया है, तो तेलंगाना सरकार को भी विलय कर देना चाहिए।


विलय के अलावा टीएसआरटीसी कर्मचारी वेतन पुनरीक्षण, नौकरी की सुरक्षा, बकाया राशि का भुगतान और रिक्तियों को सरकार की तरफ से भरे जाने की मांग कर रहे हैं। संघ ने कहा कि काम कर रहे पचास फीसदी से ज्यादा लोग अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं, इन्हें पक्का किया जाए। इसके अलावा बसों की संख्या भी बढ़ाई जाए।


कर्मचारी संघ के नेताओं ने कहा है कि कर्मचारियों पर काम का दबाव है, जिसके चलते उन्हें मजबूरी में डबल ड्यूटी करनी पड़ती है। उन्होंने कहा है कि पिछले पांच सालों में टीएसआरटीसी में एक भी नए कर्मचारी की भर्ती नहीं हुई है।


इधर, 10,000 से अधिक बसें बस डिपो में ही रहने के कारण दशहरा और बतुकम्मा त्योहार के लिए घर जा रहे यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के अधिकारी 2100 बसों को किराए पर लेकर अस्थायी ड्राइवरों को तैनात कर बस सेवा को जैसे-तैसे चला रहे हैं। सेवा में कुछ स्कूली बसों को भी लगाया गया है।

(आईएएनएस से इनपुट)

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