बालाकोट एयरस्ट्राइक: वायुसेना प्रमुख ने कहा, अपना ही हेलीकॉप्टर मार गिराना बड़ी चूक थी

बड़गाम में वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान का समझकर मार गिराया

नई दिल्ली: वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने बीते 27 फरवरी को कश्मीर में भारतीय वायुसेना के अपने ही हेलीकॉप्टर को मार गिराए जाने को शुक्रवार को एक बड़ी चूक करार दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार दो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई.

दरअसल बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद बीते 27 फरवरी की सुबह जब भारत और पाकिस्तान के बीच नौशेरा सेक्टर में हवाई संघर्ष हो रहा था उसी दौरान बड़गाम में रूस निर्मित वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था.

इससे घटना में हेलीकॉप्टर में बैठे वायुसेना के छह जवान शहीद हो गए थे और जमीन पर एक नागरिक की मौत हो गई थी.

मामले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सामने आया था कि इस हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान का समझकर भारतीय वायुसेना की सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल से हमला कर दिया गया था.

बीते 30 सितंबर को वायुसेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभालने वाले भदौरिया ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि घटना में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया था जिसने अपनी जांच पूरी कर ली है और यह सामने आया है कि हेलीकॉप्टर वायुसेना की अपनी ही मिसाइल की चपेट में आ गया था.

उन्होंने आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस से पहले कहा, ‘यह सामने आया है कि हेलीकॉप्टर हमारी ही मिसाइल का निशाना बन गया था. हम पहले ही दंडात्मक कार्रवाई कर चुके हैं. दो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई. हम मानते हैं कि यह बड़ी गलती थी और ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं.’

संवाददाता सम्मेलन से पहले भारतीय वायुसेना ने बालाकोट हवाई हमले के प्रतीकात्मक वीडियो क्लिप दिखाए.

वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है. इसके अलावा दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट मार्शल जैसी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा चुकी है.

जांच में पाया गया कि ग्राउंड स्टाफ और हेलीकॉप्टर के चालक दल के सदस्यों के बीच संचार एवं समन्वय में काफी अंतर था. इसमें मानक संचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन की भी जानकारी मिली.

इससे पहले सैन्य सूत्रों ने कहा था कि जांच में पाया गया कि हेलीकॉप्टर में लगी आईएफएफ प्रणाली बंद थी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एमआई-17 हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी का एक शक्तिशाली हेलीकॉप्टर है, जिसने स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ की कमान में उस दिन सुबह 10 बजे श्रीनगर एयरबेस से उड़ान भरी थी.

तक़रीबन उसी समय भारतीय वायुसेना में घुसपैठ होने का एलर्ट भी जारी किया गया था. नौशेरा में भारतीय और पाकिस्तान वायुसेना के बीच संघर्ष जारी था और तक़रीबन 10:10 बजे बड़गाम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

मिसाइल हमले से क्रैश हेलीकॉप्टर बड़गाम के गारेंद कलां गांव के पास मैदान में गिरा था. हादसे में मारे गए नागरिक की पहचान कैफियत हुसैन गनी के रूप में हुई थी.

इसके बाद वायुसेना मुख्यालय ने एअर कोमोडोर रैंक के अधिकारी की निगरानी में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए थे.

मई की शुरुआत में भारतीय वायुसेना ने श्रीनगर के एअर कमांडिंग ऑफिसर (एओसी) का तबादला कर दिया था ताकि घटना की विस्तृत जांच हो सके.

सूत्रों ने कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में कई लोगों की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इनमें वायु रक्षा प्रणाली का उस वक्त नियंत्रण देख रहे लोग भी शामिल हैं जब हेलीकॉप्टर मिसाइल की जद में आ गया था.

इस घटना से पहले बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवानों की मौत हो गई थी. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था.

इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था.

इसके अगले दिन 27 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत का मिग-21 विमान गिराने का दावा किया था वहीं भारत ने पाकिस्तान का एफ-16 विमान गिराने का दावा किया था. इसी दौरान बड़गाम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ.

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस हवाई संघर्ष के दौरान ही विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने गिरफ़्तार कर लिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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