पीएफ की दर 12 से कम करके 10 फीसदी लाना चाहती है सरकार

कर्मचारियों को बाजार में निवेश को मजबूर करेगी, होगा पूंजीपतियों को फायदा

केंद्र सरकार एक ऐसे बिल पर काम कर रही है जिसमें प्रोविडेंट फंड में योगदान के अनुपात को कम करने का प्रस्ताव दिया गया है. साथ ही कर्मचारियों को ज्यादा लूटने और कमंपनियों को ज्यादा छूट देने की कोशिश की जा रही है. अब जिस कंपनी में 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, उस कंपनी के कर्मचारियों को ही प्रोविडेंट फंड में निवेश करना जरूरी है. 15 हजार रुपये या उससे कम कमाने वाले कर्मचारियों को ईपीएफ में अनिवार्य रूप से निवेश करना जरूरी है.

प्रोविडेंट फंड में जितना निवेश इंप्लोई करता है उतनी ही रकम का निवेश इंप्लायर को भी करना पड़ता है. वैसे एक इंप्लाई चाहे तो अपनी बेसिक सैलरी का 100 फीसदी भी पीएफ के तौर पर जमा कर सकता है. लेकिन यह बात इंप्लायर पर लागू नहीं होती है. फिलहाल इंप्लाई की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने पीएफ खाते में जमा होता. लेकिन नया प्रस्ताव दिया गया है कि अब 12 फीसदी की बजाय इंप्लाई की सैलरी का 10 फीसदी ही पीएफ के तौर पर काटा जाए. अगर ऐसा होता है तो यह मान कर चले कि सरकार पीएफ को भी बाजार के हवाले करना चाहती है. इस पीएफ खाते में जमा रकम पर वित्त वर्ष 2019 के लिए 8.65 फीसदी का ब्याज मिलेगा.

सरकार का यह है नया प्रस्ताव

ईपीएफ के नए ड्राफ्ट बिल में पीएफ में योगदान कम करके 10 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव के अनुसार, दोनों इंप्लायर और इंप्लाई को सैलरी का सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा ही प्रोविडेंट फंड में योगदान करना पड़ेगा. ड्राफ्ट में यह भी लिखा है कि किसी भी क्लास के इंप्लाई को कितने समय के कितना योगदान करना है, सरकार इस बारे में भी सूचित कर सकती है. यानी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि यह रेट्स सभी इंप्लाई के लिए घटाए जाएंगे या चुनिंदा सेक्टर्स या क्लास के इंप्लाई के लिए. ऐसा भी हो सकता है कि तय समय के लिए अलग-अलग क्लास के इंप्लाई के लिए अलग-अलग कॉन्ट्रिब्यूशन रेट हो.

कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा होगा असर

पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन रेट में कमी का मतलब है पीएफ फंड में कम पैसा. साथ ही पीएम में रिटायरमेंट फंड इक्ट्ठा करने के लिए योगदान करने को भी आपको अब ज्यादा मजबूर किया जा सकता है. योगदान दरें कम होने से पीएफ अकाउंट में कम पैसा इक्ट्ठा होगा जिससे आपका रिटायरमेंट फंड भी कम होगा. अगर आप चाहते हैं कि आपके पास रिटायरमेंट के बाद अच्छा पैसा हो तो आपको मजबूरन फंड इक्ट्ठा करने के लिए आपको म्यूचुअल फंड और अन्य चीजों में निवेश करना होगा. इससे सीधा फायदा पूंजीपतियों को होगा।

फिलहाल प्रोविडेंट फंड पर इंप्लाई प्रोविडेंट फंड एंड मिसलेनियस प्रोविजन एक्ट, 1952 अप्लाई होता है. मिनिस्ट्री ऑफ लेबर और इंप्लायमेंट के इस संशोधन के बाद इस एक्ट को इंप्लाई प्रोविडेंट फंड एंड मिसलेनियस प्रोविजन (अमेंडमेंट) एक्ट, 2019 कहा जाएगा. इस बिल में अन्य प्रावधान भी है जिनसे आपकी टेक होम सैलरी कम भी हो सकती है. हालांकि जब ड्राफ्ट बिल पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता तब तक यह नहीं कह सकते हैं ईपीएफ एक्ट कैसा होगा. लेकिन, यह तय है कि सरकार नए नए नियम बना कर कर्मचारियों के सामाजिक दायित्व से भी पीछा छुड़ाना चाहती है।

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