पूरे देश में लाया जाएगा एनआरसी, अवैध प्रवासियों को बाहर करेंगे- अमित शाह

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अपने ही लोगों को देश में दर-दर भटकने को मजबूर करना चाहती है बीजेपी

रांची। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि पूरे भारत में एनआरसी लाया जाएगा और सभी अवैध प्रवासियों को वैध तरीकों से देश से बाहर कर दिया जाएगा. अमित शाह ने यह भी कहा कि देश की जनता ने 2019 के आम चुनाव के फैसले के माध्यम से देशभर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने पर अपनी मुहर लगा दी है.


उन्होंने रांची में एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमने अपने चुनाव घोषणापत्र में देश की जनता से वादा किया था कि केवल असम में नहीं बल्कि पूरे देश में हम एनआरसी लाएंगे और देश की जनता का एक रजिस्टर बनाएंगे तथा बाकी (अवैध प्रवासियों) लोगों के लिए कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी.’


गृह मंत्री ने कहा कि एनआरसी का पूरा विस्तार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है, न कि असम रजिस्टर, इसलिए यह पूरे देश में लागू होना चाहिए और मेरा मानना है कि देश की जनता की एक सूची होनी चाहिए.


अमित शाह ने कहा कि असम में जिन लोगों के नाम एनआरसी में नहीं आए हैं, उन्हें विदेशी न्यायाधिकरणों के समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया है.


उन्होंने आगे कहा, ‘असम सरकार ने उन लोगों के लिए वकील मुहैया कराने की भी व्यवस्था की है, जो अपना पक्ष रखने के लिए वकीलों का शुल्क नहीं वहन कर सकते. लेकिन मेरा पुरजोर विश्वास है कि एक भी ऐसा देश नहीं है, जहां कोई भी जाकर बस सके. मैं आपसे पूछता हूं कि क्या आप अमेरिका में जाकर बस सकते हैं? आप नहीं बस सकते. तो फिर कोई भारत में कैसे आकर बस सकता है? सीधी-सी बात है.’ दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां कोई भी जाकर बस सकता है। देश के नागरिकों का रजिस्टर होना समय की जरूरत है, न केवल असम बल्कि देश भर में एनआरसी लागू होगा।


उन्होंने कहा, ‘अगर आप ब्रिटेन, नीदरलैंड या रूस जाकर बसने की कोशिश करते हैं तो कोई आपको अनुमति नहीं देगा. तो कोई भारत आकर कैसे बस सकता है. देश इस तरह नहीं चलते. समय की जरूरत है कि देश की जनता का एक राष्ट्रीय रजिस्टर बने.’
बता दें कि, इससे पहले जुलाई में संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक (सप्लीमेंटरी) प्रश्न के जवाब में शाह ने कहा था कि देश की इंच-इंच जमीन पर जो अवैध प्रवासी रहते हैं, हम उनकी पहचान करेंगे तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उन्हें निर्वासित करेंगे.

दरअसल भाजपा राष्ट्रिय स्वंय सेवक संघ के एजेंडे को देश पर थोपकर देश से एक पूरी आबादी को बाहर करना चाहती है. कश्मीर से लेकर असम तक वह जो कुछ कर रही है वह इस देश के टुकडे करके एक और फिलिस्तीन बनने पर अमादा है. यह सारा कृत्य देश के संविधान की मूल भावनाओं के भी विपरीत है. इस प्रकार मोदी सरकार अपनी जन विरोधी नीतियो और विफलताओं से जनता का ध्यान भी भटका रही है.


आपको बता दें कि असम में अंतिम एनआरसी का प्रकाशन 31 अगस्त को किया गया था, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं.

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