योगी आदित्यनाथ भी बोले, ज़रूरत पड़ी तो यूपी में लागू करेंगे एनआरसी

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले कर चुके हैं घोषणा

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची जारी होने के बाद राज्य के भाजपा नेताओं ने भले ही असंतोष जाहिर किया हो, लेकिन अन्य राज्यों के भाजपा नेता अपने-अपने राज्यों में एनआरसी लाने को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं.

रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की राज्य में एनर्जी लाने की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में एनआरसी लाने की संभावना जाहिर की है.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने असम में एनआरसी के अमल को ‘महत्वपूर्ण और साहसी फैसला बताते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार चरणबद्ध तरीके से ऐसी कोई प्रक्रिया शुरू करने में नहीं झिझकेगी. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी का कार्यान्वयन यूपी के लिए उदाहरण का काम करेगा.

उन्होंने कहा, ‘एनआरसी पर कोर्ट के आदेश को अमल में लाना महत्वपूर्ण और साहसी फैसला है. मुझे लगता है कि इसके लिए हमें प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बधाई देनी चाहिए.  इस प्रक्रिया को चरणों में पूरा किया जा रहा है- मुझे लगता है कि जब उत्तर प्रदेश में एनआरसी की जरूरत होगी, हम भी ऐसा ही करेंगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पहले चरण में इसे असम में लाया गया और वहां इसे जिस तरह लागू किया गया, वह हमारे लिए उदहारण हो सकता है. उनके अनुभव का इस्तेमाल करते हुए हम इसे यहां चरणबद्ध रूप में शुरू कर सकते हैं. यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है और अवैध प्रवासियों द्वारा जो गरीबों के अधिकार लिए जा रहे हैं, इससे उस पर भी रोक लगेगी.’

बता दें कि इससे पहले रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की थी कि उनके राज्य में भी एनआरसी लागू किया जाएगा. खट्टर ने पंचकूला में जस्टिस (सेवानिवृत) एचएस भल्ला और पूर्व नौसेना प्रमुख सुनील लांबा से उनके आवासों पर मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम हरियाणा में एनआरसी लागू करेंगे.’

खट्टर ने अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी के ‘महासंपर्क अभियान’ के तहत इन दोनों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने देश भर में एनआरसी को लागू करने का पहले भी समर्थन किया था.

उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश भल्ला से मिलने के बाद खट्टर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैं महासंपर्क अभियान के तहत उनसे मिला. इस अभियान के तहत हम महत्वपूर्ण नागरिकों से मुलाकात करते हैं.’

उन्होंने सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस भल्ला के बारे में कहा, ‘इन दिनों वह एनआरसी पर भी काम कर रहे हैं और शीघ्र ही असम जायेंगे. मैंने कहा कि हम हरियाणा में एनआरसी लागू करेंगे और हमने भल्लाजी का समर्थन और उनके सुझाव मांगे.’

असम में 31 अगस्त को अंतिम एनआरसी जारी हुई थी और 19 लाख से ज्यादा लोग इस सूची से बाहर रह गये थे. असम की सत्तारूढ़ भाजपा समेत कई राजनीतिक दलों ने इस अंतिम दस्तावेज पर असंतोष प्रकट किया था.

खट्टर ने रविवार को यह भी कहा, ‘उन्होंने (जस्टिस भल्ला) सुझाव दिया कि हरियाणा में एक विधि आयोग का गठन किया जाना चाहिए. हम उसका अध्ययन करेंगे और उसका परीक्षण भी करेंगे. सरकार इस आयोग की स्थापना की व्यावहारिकता पर गौर करेगी. यदि लोग इससे लाभान्वित होते हैं तो इसका गठन किया जाएगा.’

एक सरकारी विज्ञप्ति में खट्टर के हवाले से कहा गया है कि राज्य सरकार ‘परिवार पहचान पत्र’ पर काम कर रही है. खट्टर ने कहा कि उसका आंकड़ा एनआरसी में इस्तेमाल किया जाएगा.

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