इंकलाबी मजदूर केंद्र का पांचवा सम्मेलन संपन्न

★ श्रम कानूनों में संशोधन, निजीकरण, सांप्रदायिक फासीवाद व धारा 370 खत्म करने के विरोध सहित कई प्रस्ताव पारित


गुडगांव। इंकलाबी मजदूर केंद्र का पांचवा सम्मेलन 31 अगस्त व 1 सितंबर 2019 को गुड़गांव स्थित अग्रवाल धर्मशाला में संपन्न हुआ। सम्मेलन में राजनैतिक सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत हुआ जिस पर चर्चा हुई। साथ ही समसामयिक मुद्दों पर कई प्रस्ताव पारित हुए।


मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों को चार नियमावालियों में समेट कर मजदूर अधिकारों पर हो रहे हमले की मुखालफत हुई। मोदी सरकार के कार्यकाल में राज्य और राज्य समर्थित बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच, गौ रक्षा आदि द्वारा हो रहे हमलों की निंदा हुई। जम्मू कश्मीर की जनता के साथ ऐतिहासिक विश्वासघात और गैर जनवादी तरीके से धारा 370 को निष्प्रभावी बनाने की भर्त्सना हुई।
हिंदू फासीवाद के आसन्न खतरे के प्रति सम्मेलन में आगाह किया गया। महिलाओं के प्रति बढ़ते यौन हिंसा निजीकरण आदि के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुए।


सम्मेलन ने देश-विदेश में मज़दूर संघर्षों को आगे बढ़ाने को मजबूती देने पर बल दिया। मजदूर मेहनतकश जनता के न्यायपूर्ण संघर्षों को आगे बढ़ाते हुए शहीद हुए मजदूर साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सपनों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। साथ ही मजदूर आंदोलन में क्रांतिकारी व सशक्त विकल्प खड़ा करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात हुई।
सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय परिषद का चुनाव हुआ जिसमें 10 सदस्यों की केंद्रीय कमेटी गठित हुई।


दूसरे दिन अंतिम सत्र में खुला सम्मेलन हुआ, जिसमें आईएफटीयू, टीयूसीआई, जन संघर्ष मंच हरियाणा, जाति मुक्ति आंदोलन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, परिवर्तनकारी छात्र संगठन, प्रोग्रेसिव मेडिकल फोरम, बेलसोनिका एंप्लाइज यूनियन, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, एरा श्रमिक संघ, विनस इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन एम्पलाइज यूनियन, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनियन, इंट्रार्क मजदूर यूनियन पंतनगर, रिचा श्रमिक संगठन, फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी हरिद्वार, इंट्रार्क मजदूर संगठन किच्छा, यजाकि वर्कर्स यूनियन, ब्रिटानिया श्रमिक संघ, आईएफटू (सर्वहारा) आदि संगठन के प्रतिनिधियों ने भागेदारी की।

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