1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए आ रहा है

मित्र मुकेश असीम ने मोदी सरकार द्वारा रिजर्व बैंक के 1 लाख 76 हजार करोड़ के आपातकालीन फंड आरहण पर एक छोटी सी लेकिन माकूल टिप्पणी की है उन्होंने अडानी ओर अम्बानी की खिलखिला कर हंसती हुई तस्वीर लगाते हुए लिखा है कि ‘1 लाख 76 हजार करोड़ आ रहा है!’

यह बिल्कुल सही बात है कि अर्थव्यवस्था इस बुरे दौर में पुहंच चुकी है कि मित्र उद्योगपतियों की बलैया लेते हुए यह 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रकम तो पिछले साल में ही राइट ऑफ कर दी गयी है!

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक आंकड़े से खुलासा हुआ है कि अप्रैल- दिसंबर-2018 के 9 महीनों में करीब 1,56,702 करोड़ के बैड लोन को राइट ऑफ की श्रेणी में डाला गया है 2018- 19 की आखिरी तिमाही में कितनी रकम राइट ऑफ की गयी इसकी जानकारी अभी नही दी गई है!

आखिरी तीन सालो में तो यह रकम बेतहाशा बढ़ी हुई है 2016-17 में 1,08,374 करोड़ और 2017-18 में 161,328 करोड़ के बैड लोन को राइट ऑफ किया। 2018-19 के शुरुआती 6 महीनों में 82,799 करोड़ रुपए की रकम राइट ऑफ की गई। अक्टूबर से दिसंबर 2018 की तिमाही में 64,000 करोड़ की रकम राइट ऑफ की गई!

जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से देखा जाए तो अप्रैल-2014 से दिसम्बर 2018 तक 5 लाख 55 हजार करोड़ रुपये बड़े उद्योगपतियों के राइट ऑफ कर दिए गए हैं!

यानी इतनी अधिक रकम राइट ऑफ कर दी गयी है लेकिन हम इतना भी नही जानते कि किस उद्योगपति की कितनी रकम राइट ऑफ कर दी गयी है जब एक आरटीआई पर सूचना आयुक्त ने इस बारे में जवाब मांगा तो उनकी नकेल भी कानून में संशोधन कर कस दी गयी!

निश्चित ही यह 1 लाख 76 हजार करोड़ की बड़ी रकम भी ऐसे ही मित्र उद्योगपतियों के डूबे हुए लोन पाटने में इस्तेमाल की जाएगी, ओर हमे पता भी नही चलेगा….

(साथी गिरीश मालवीय की पोस्ट व
साथी मुकेश असीम के पोस्ट से फोटो)

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