मालिकों को टैक्स की बड़ी राहत के लिए

इनकम टैक्स की जगह ’डायरेक्ट टैक्स कोड
देशी-विदेशी मुनाफाखोर कंपनियों को लगातार लाभ देने में मोदी सरकार पूरी ताक़त से जुटी है। तमाम सब्सिडियों व रियायतों के साथ अब इनकम टैक्स की जगह मोदी सरकार ‘डायरेक्ट टैक्स कोड’ ला रही है। इससे मालिकों को भारी बचत होने वाला है।
टास्क फोर्स की रिपोर्ट सरकार के पास
सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता वाले टास्कफोर्स ने नए डायरेक्ट टैक्स कानून पर अपनी रिपोर्ट सोमवार को सरकार को सौंप दी है। यह ड्रॉफ्ट कानून मौजूदा आयकर कानून का स्थान लेगा। हालांकि, रिपोर्ट से जुड़े विवरणों की जानकारी अभी नहीं मिली है।
कारपोरेट टैक्स की मुख्य धाराएं होंगी खत्म
टास्कफोर्स ने इस रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है। इसके तहत जब कंपनियां डिविडेंड देती हैं तो उस पर 15 प्रतिशत डीडीटी लगता है। डीडीटी के ऊपर 12 प्रतिशत सरचार्ज और 3 प्रतिशत एजुकेशन सेस लगता है। इस तरह कुल मिलाकर डीडीटी की प्रभावी दर 20.35 प्रतिशत हो जाती है।
टास्कफोर्स ने मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (मैट) को भी पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है। अभी आयकर कानून की धारा 115जेबी के तहत कंपनी के मुनाफे पर 18.5 प्रतिशत मैट लगता है।
कारपोरेट टैक्स की दर होगी महज 25 फीसदी
टास्कफोर्स ने सभी के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। टास्कफोर्स ने इनकम टैक्स की दरों और स्लैब में बड़े बदलाव की भी सिफारिश की है और आयरकदाताओं की फेसलेस स्क्रूटनी के लिए जरूरी उपाय सुझाए हैं।
टास्क फोर्स का खास जोर टैक्स विवादों के जल्द निपटारे पर है। इस रिपोर्ट में जीएसटी, कस्टम, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट औऱ इनकम टैक्स के बीच जानकारी के लेनदेन की खास व्यवस्था की सिफारिश भी की गई है।
यह ड्राफ्ट कानून, मौजूदा आयकर कानून का स्थान लेगा। कंपनियों के हित में इसमे मौजूद आयकर कानून की आधी धाराएं खत्म हो जाएंगी।
इसे कहते हैं ‘देशभक्त’ सरकार!
यह है ‘देशभक्त’ मोदी सरकार द्वारा देशी-विदेशी मुनाफाखोरों के हित मे लगातार सक्रियता का एक नमूना! और मज़दूरों के लिए महज 178 रुपए की न्यूनतम मज़दूरी का झुनझुना!
जोर से बोलो- जय श्रीराम!